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भारतीय वायुसेना ने कोविड-19 वैक्सीन लगवाने से इनकार करने वाले अपने एक कर्मी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. केंद्र सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि, सेवा की शर्तों मुताबिक कोविड-19 रोधी टीका लगवाना अनिवार्य किया गया है. वायुसेना के कॉर्पोरल योगेंद्र कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसके बाद कोर्ट में केंद्र ये जवाब दाखिल किया है.
एडिशनल सॉलीसिटर जनरल देवांग व्यास ने जस्टिस एजे देसाई और जस्टिस एपी ठाकर की डिविजन बेंच को बताया कि, देश में ऐसे नौ कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिन्होंने वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया था. उनमें से एक कर्मी जिसने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया को बर्खास्त कर दिया गया है. हालांकि न्होंने बर्खास्त किए गए कर्मी का नाम या अन्य कोई ब्योरा नहीं दिया.
कोर्ट में क्या कहा केंद्र सरकार ने
एडिशनल सॉलीसिटर जनरल देवांग व्यास ने हाईकोर्ट को बताया, “पूरे देश में भारतीय वायुसेना के नौ कर्मियों ने कोविड वैक्सीन लगवाने से इनकार किया था. इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इन नौ कर्मियों में से एक ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया इसलिए उन्हें अपना जवाब नहीं देने के चलते सर्विस से बर्खास्त कर दिया गया है.”
उन्होंने कहा कि, जहां तक वैक्सीन लगवाने का सवाल है आम लोगों के लिए ये वैकल्पिक है. हालांकि एयरफ़ोर्स में इसे सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. ये उस वचन का हिस्सा है जो एयरफ़ोर्स के जवान सर्विस में जुड़ने से पहले देते हैं.
कॉरपोरल योगेंद्र कुमार ने दायर की थी याचिका
देवांग व्यास ने अदालत से कहा कि, इस बात को समझना भी जरूरी है कि एयरफोर्स को कमजोर स्थिति में नहीं रखा जा सकता है और कर्मियों को अनिवार्य रूप से टीका लगवाना जरूरी है. साथ ही उन्होंने कहा, कॉरपोरल योगेंद्र कुमार ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है, इसलिए वो संबंधित अथॉरिटी या Armed Forces Tribunal, के सामने पेश हो सकते हैं.
बता दें कि, कॉरपोरल योगेंद्र कुमार ने कोविड-19 का टीका लगाने की अनिच्छा के बाद जारी नोटिस को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने ऐसे मामलों में अंतरिम राहत देने की बात कही थी.
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