राष्ट्रीय

दाऊद इब्राहिम के भतीजे ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

मुंबई: अंडरवर्ल्ड के मोस्ट वांटेड डॉन दाऊद के भतीजे ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और अपनी ज़मानत के लिए गुहार लगाई है. आपको बता दें कि मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल (AEC) ने साल 2011 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भतीजे रिज़वान कासकर और एक बिजनेसमैन अश्फ़ाक टवलवाला को जबरन वसूली सिंडिकेट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

एक अधिकारी ने बताया कि अब रिज़वान ने हाईकोर्ट में अपनी ज़मानत के लिए गुहार लगाई है और कहा है कि उसके ख़िलाफ़ बनाए वसूली का मामला ग़लत है.  रिज़वान कासकर का कहना है कि उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. इस मामले में हाईकोर्ट 15 सितंबर को सुनवाई करेगा.

पुलिस के मुताबिक़ इस पूरे रैकेट का पर्दाफ़ाश कथित हवाला संचालक अहमद रजा वडारिया की गिरफ्तारी के बाद हुआ था.  वडारिया को वांटेड गैंगस्टर फहीम मचमचा जो की छोटा शकील का दाहिना हाथ है उसका करीबी माना जाता है. मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि अश्फ़ाक और एक व्यापारी के बीच पैसों को लेकर विवाद चल रहा था, उनका इलेक्ट्रोनिक्स का व्यापार है जिसे वो चाइना से लेकर आकार मुंबई में बेचा करते थे.

अशफाक को उसे (पीड़ित व्यापारी) 15 लाख रुपये का भुगतान करना था जिसे वो देना नहीं चाहता था. इसी वजह से उसने वाडारिया से संपर्क कर उससे मदद ली. उसके बाद 12 जून,2011 को पीड़ित व्यवसायी को एक इंटरनेशनल नंबर से एक फोन आया. अज्ञात कॉलर ने अपना परिचय फहीम मचमच के रूप में दिया और फिर उसने व्यवसायी को चेतावनी दी कि वह उसे छोटा शकील की ओर से बात कर रहा है. इसके बाद अश्फ़ाक ने वो पैसे वडारिया को सौंप दिया है और मचमच ने पीड़ित व्यापारी को अश्फ़ाक या वडारिया से पैसे ना मांगने को कहा.

दूसरे दिन यानी की 13 जून 2011 को पीड़ित को एक और अंतरराष्ट्रीय नंबर से फ़ोन आया और इस बार फोन करनेवाला वडारिया था. उसने पीड़ित व्यापारी को फिर से चेतावनी दी कि अगर उसने मचमच का कहना नहीं माना, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इसके बाद पीड़ित व्यापारी को दो से तीन बार ऐसी धमकियां मिलीं.

जिसके बाद पीड़ित व्यापारी ने मुंबई क्राइम ब्रांच से संपर्क किया और फिर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी. एक अधिकारी ने कहा कि हमें पता चला था कि वडारिया दुबई में था उस समय और वह अपने व्यावसायिक उद्देश्य के लिए भारत आएगा. पुलिस ने वडारिया के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था और 15 जुलाई को जब वह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा तो पुलिस सतर्क हो गई और क्राइम ब्रांच ने उसे एयरपोर्ट से अपने हिरासत में ले लिया था.

उसकी गिरफ्तारी के बाद जब क्राइम ब्रांच ने उससे पूछा कि वह मचमच को कैसे जानता है तो उसने खुलासा किया कि जब अश्फ़ाक ने इसके लिए मुझसे संपर्क किया तो मैंने रिजवान से संपर्क किया. (दोनों दुबई में मिलते थे क्योंकि वे एक-दूसरे को जानते थे) और उससे सुझाव देने के लिए कहा कि इन पैसों से जुड़े फ़ोन कॉल से कैसे बचे (पीड़ित व्यापारी को पैसे नहीं देना था). 

उसके बाद रिजवान ने वडारिया को मचमच से पहचान करवाई और फिर वडारिया के अनुरोध पर मचमचा ने व्यवसायी को चेतावनी दी. इसके तुरंत बाद क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने दो और एलओसी जारी किए, 17 जुलाई 2011 को जब उसे इस मामले की जानकारी हुई रिज़वान को मिली तो वह भारत से भागने लगा और जैसे ही रिजवान एयरपोर्ट पहुंचा तो अथॉरिटी ने क्राइम ब्रांच को अलर्ट कर दिया.

जिसके बाद क्राइम ब्रांच की एक टीम तुरंत ही एयरपोर्ट के लिए निकल गई, चूंकि ट्राफ़िक बहुत था इस वजह से टीम ने लोकल ट्रेन पकड़ी और किसी तरह एयरपोर्ट जल्द से जल्द पहुंची और रिज़वान को अपने हिरासत में के लिया.

उस समय क्राइम ब्रांच को पता चला
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी जानते थे कि अगर उन्होंने पीड़ित व्यापारी को फोन करे धमकी दी तो कही तो ऑडीओ रिकोर्ड कर लेगा और पुलिस को देगा. दाऊद का भतीजा बड़ा ही शातिर था इस वजह से उनकी गैंग ने नया पैंतरा आज़माया, क्राइम ब्रांच के मुताबिक़ इस मामले में मचमच ने अपना वोईस मैसेज रिकॉर्ड किया और वडारिया को भेज दिया. फिर वडारिया पीड़ित व्यापारी से मिला और उसे भाई की चेतावनी वाला मैसेज सुनने को कहा और फिर उसने तुरंत डिलीट कर दिया. लेकिन एक दिन वडारिया ने गलती से पीड़िता से फोन पर संपर्क किया जिसे पीड़िता ने सबूत के तौर पर रिकॉर्ड कर लिया.

दाऊद का परिवार उसके इतिहास का करता है इस्तेमाल?
जांच के दौरान पता चला कि इस मामले में जितने आरोपी या पीड़ित हैं वे सारे 25 से 35 साल के थे, और युवा कासकर परिवार के लोग अपने परिवार के बैकग्राउंड का इस्तेमाल कर व्यापारियों को धमकी दे रहे हैं और ऐसा लग रहा है की वे ग़लत रह पर चल रहे हैं. रिज़वान कासकर अपना सरनेम का इस्तेमाल अपने पासपोर्ट पर नहीं करता वो अपना नाम पासपोर्ट पर मोहम्मद रिज़वान इक़बाल अहमद शेख़ लिखता है

पुलिस ने रिज़वान कासकर को आईपीसी की धारा
387, 120B और मकोका की धारा 3 (i) (ii), 3(2) और 3 (4) के तहत मामला दर्ज किया.

ये भी पढ़ें-
काबुल की बजाय अब दोहा में होगी हामिद करजई और तालिबान के बीच बातचीत, मिलीजुली सरकार के लिए कोशिश करेंगे पूर्व राष्ट्रपति 

Aligarh News: हरिगढ़ के नाम से जाना जाएगा तालों का शहर अलीगढ़? जिला पंचायत बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button