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सुप्रीम कोर्ट के बाहर 16 अगस्त के दिन एक युवक और युवती ने आत्मदाह का प्रयास किया था. इनमें से युवक ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है. वहीं इस घटना में घायल युवती अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. इन दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के गेट नम्बर-डी के बाहर पेट्रोल डाल कर खुद को आग लगा ली थी. इस दौरान दोनों फेसबुक लाइव भी कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में तैनात आरएसी के सुरक्षा कर्मी और दिल्ली पुलिस के जवानों ने इन दोनों को बचाने की कोशिश की और घायल अवस्था में अस्पताल भी पहुंचाया. युवक और युवती दोनों पूर्वी उत्तर-प्रदेश के रहने वाले हैं.
पुलिस के अनुसार ये घटना 16 अगस्त, दोपहर लगभग 12:15 बजे की है. युवक और युवती गेट के सामने स्थित पार्किंग एरिया से चलते हुए आए और डिवाइडर पर पहुंच कर इन्होंने अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया. इससे पहले कि कोई कुछ समझ पता दोनों ने खुद को आग लगा ली. जिसके बाद दोनों सुप्रीम कोर्ट की तरफ भागते हुए आये और डी गेट के बाहर लगे सुरक्षा मोर्चे की तरफ मुड़ गए. वहां तैनात आरएसी के जवानों ने तुरंत ही कम्बल और झाड़ू की मदद से आग बुझाई. इसके बाद दोनों को तुरंत दिल्ली पुलिस की क्यूआरटी की मदद से आरएमएल अस्पताल ले जाया गया. दोनों लगभग 70 से 80 प्रतिशत झुलस चुके थे.
घटना के दौरान कर रहे थे फेसबुक लाइव
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आत्मदाह के प्रयास से ठीक पहले दोनों ने फेसबुक लाइव भी किया था और इसी लाइव के दौरान दोनों ने खुद को आग लगा ली. फेसबुक लाइव के दौरान दोनों ने यूपी में बीएसपी के एक लोकसभा सांसद को जिम्मेदार ठहराया. केवल सांसद को ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी जिम्मेदार बताया गया, जिसमें से कुछ आईपीएस अधिकारी और कुछ यूपी पुलिस के कर्मचारी व अधिकारी हैं.
दोनों का आरोप है कि सांसद के प्रभाव के कारण पुलिस अधिकारियों ने इन दोनों को झूठे मामले में फंसाया और इस कदर प्रताड़ित किया कि दोनों ने मौत को गले लगाना बेहतर समझा. इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट के बाहर दोनों ने आत्मदाह का प्रयास किया.
सांसद के खिलाफ युवती ने दर्ज करवाया हुआ है रेप केस
युवती ने फेसबुक लाइव के दौरान आरोप लगाया था कि उसने सासंद के खिलाफ 2019 में रेप का मामला दर्ज करवाया था. युवती ये भी कहा था कि जिस युवक ने उसके साथ आत्मदाह का प्रयास किया था, वह उस एफआईआर में गवाह था. युवक और युवती दोनों ने ही ये आरोप लगाया है कि सांसद के प्रभाव के चलते यूपी पुलिस इन दोनों को ही प्रताड़ित कर रही है और दोनों को हनी ट्रैप के झूठे मामले में भी फंसाया गया है. जबकि युवती खुद रेप पीड़िता है.
दिल्ली पुलिस की फॉरेंसिक टीम ने मौके से एकत्र किए सबूत
सुप्रीम कोर्ट के बाहर हुई इस घटना के बाद पुलिस ने क्राइम टीम और दिल्ली सरकार की एफएसएल टीम को मौके पर सबूत जुटाने के लिए बुलाया था. दोनों ही टीमों ने मौके पर पहुंच कर वहां मौजूद बोतलें(जिनमें पेट्रोल व ज्वलीनशील पदार्थ था), 2 लाइटर, एक बैग, दोनों के जले हुए कपड़े, जूते और चप्पल आदि बरामद किए थे.
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