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Gujarat Ministers Portfolio List: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज नई मंत्रिपरिषद में विभागों का बंटवारा कर दिया. पटेल ने गृह सहित कई विभाग अपने पास ही रखे हैं और कोई उपमुख्यमंत्री नियुक्त नहीं किया है. उन्होंने कनुभाई देसाई को वित्त एवं ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है.
मुख्यमंत्री पटेल ने गृह विभाग के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग ,सूचना एवं प्रसारण, उद्योग, खान एवं खनिज, शहरी विकास, शहरी आवास और नर्मदा तथा बंदरगाह विभाग का प्रभार भी अपने पास रखे हैं. राजेंद्र त्रिवेदी को कानून और न्याय मंत्रालय, जीतू वघानी को शिक्षा मंत्रालय और ऋषिकेश पटेल को स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिपरिषद में 24 नए सदस्यों को शामिल किया है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने 10 कैबिनेट मंत्रियों और 14 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई, जिनमें पांच स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री भी शामिल हैं.
राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ग्रहण करने वाले भूपेंद्र पटेल इस दौरान रूपाणी के साथ मौजूद थे. रूपाणी के शनिवार को मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद नई मंत्रिपरिषद का गठन किया गया है. खास बात है कि नई मंत्रिपरिषद में रुपाणी सरकार में मंत्री रहे एक भी मंत्री को शामिल नहीं किया गया है.
कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ लेने वालों में राजेंद्र त्रिवेदी, जीतू वघानी, ऋषिकेश पटेल, पूर्णेश मोदी, राघवजी पटेल, कनुभाई देसाई, किरीट सिंह राणा, नरेश पटेल, प्रदीप परमार और अर्जुन सिंह चौहान शामिल हैं.
नौ राज्य मंत्रियों में मुकेश पटेल, निमिशा सुतार, अरविंद रैयानी, कुबेर डिंडोर, कीर्ति सिंह वाघेला, गजेंद्र सिंह परमार, आर सी मकवाना, विनोद मोरादिया और देव मालम शामिल हैं.
मंत्रिपरिषद के गठन में पार्टी ने जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की है. पाटीदार समुदाय के नेता भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री पद के लिए चुनने के बाद बीजेपी ने पटेल और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) में प्रत्येक से छह, अनुसूचित जाति से चार, अनुसूचित जनजाति से तीन, ब्राह्मण और क्षत्रिय से दो-दो तथा जैन समुदाय से एक सदस्य को मंत्री पद दिया है.
नेताओं में असंतोष
शपथ ग्रहण समारोह के बाद पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिपरिषद में शामिल ना किए जाने को लेकर व्यापक असंतोष है. पत्रकारों ने जब पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से इस कथित असंतोष के बारे में पूछा तो उन्होंने दार्शनिक अंदाज में कहा, ‘‘लोग पदों पर आते हैं और जाते हैं. उनके समर्थकों को इसकी अनुभूति होती है. लेकिन अब यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है. पार्टी नेतृत्व को इसे देखना होगा.’’
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