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भारत के फर्जी पासपोर्ट पर बांग्लादेश के लोगों को विदेश भेजने वाले रैकेट का भंडाफोड़

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Fake Passport Racket: दिल्ली पुलिस की आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें फर्जी पासपोर्ट के जरिए लोगों को बांग्लादेश से भारत लाया जाता था और फिर भारत से उन्हें विदेश भेजा जा रहा था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 3 बांग्लादेशियों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से कुल 27 फर्जी पासपोर्ट बरामद किए गए हैं. पुलिस का कहना है कि इस रैकेट के सरगना ने दिल्ली के सराय काले खा इलाके में इंपोर्ट एक्सपोर्ट और कंस्ट्रक्शन कंपनी रजिस्टर कराई हुई है और उसी की आड़ में बांग्लादेश के नागरिकों को फर्जी पासपोर्ट से विदेश भेजा जा रहा था. पुलिस का दावा है कि लोगों को नकली पासपोर्ट पर विदेश भेजकर उनसे रुपये ऐंठे जाते थे.  

क्या है मामला?

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के डीसीपी विक्रम पोरवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में तीन आरोपी बांग्लादेशी हैं, जबकि तीन आरोपी भारतीय हैं. बांग्लादेशी आरोपियों की पहचान फोजिल रब्बी शिपोन उर्फ ​​सलाम सरदार (22), अख़्तौज़मां तालुकदार (54), रसल उर्फ साहिदुल शेख (35) के रूप में कई गयी है. जबकि, भारतीय आरोपियों की पहचान विभोर सैनी उर्फ विपुल सैनी (32), सौरभ घोष उर्फ बशीर उर्फ मिराज शेख (36) और फहीम खान (24) के तौर पर हुई है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तालुकदार इस पूरे रैकेट का सरगना बताया जा रहा है.

एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट की आड़ में चल रहा रैकेट  

डीसीपी विक्रम पोरवाल का कहना है कि अब तक हुई जांच में पता चला है कि सराय काले खां इलाके में एक्सपोर्ट इम्पोर्ट और कंस्ट्रक्शन की कंपनी की आड़ में फर्जी पासपोर्ट से विदेश भेजने का रैकेट चलाया जा रहा था. आरोपी न केवल दूसरों का फर्जी पासपोर्ट उपलब्ध करवाते थे बल्कि खुद भी भारत का फर्जी पासपोर्ट बनाकर रह रहे थे. आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 27 नकली पासपोर्ट जब्त किए हैं, जिनमें से 10 भारतीय, 2 नेपाली पासपोर्ट और बांग्लादेश के 15 पासपोर्ट हैं. इनके अलावा कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन और वीजा, टिकटों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया समेत 15 देशों की फर्जी इमीग्रेशन स्टाम्प व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं.

कब और कैसे हुआ खुलासा?

पुलिस का कहना है कि 11 सितंबर को आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर सीआईएसएफ ने साहिदुलसेख, फोजिल रब्बी शिपॉन उर्फ सलाम सरदार और अख्तौजमां तालुकदार को फर्जी दस्तावेज के साथ पकड़ा था. तीनों कतर एयरवेज से दोहा जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे. इसके बाद आईजीआई थाना पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और जांच शुरू की. जांच में पता चला कि रसल और फोजिल दिल्ली के एजेंट अख्तौजमां तालुकादर की मदद से 2 और ढाई लाख रुपए में सर्बिया की यात्रा की थी. जबकि बशीर व अन्य आरोपियों ने भारतीय पासपोर्ट की व्यवस्था की थी और कई लोगों को विदेश भेजने का बंदोबस्त करते हैं. 

मेडिकल वीज़ा पर बुलाता था भारत

पुलिस ने बताया कि अख़्तौज़मां तालुकदार इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड है. वह बांग्लादेश, नेपाल और भारत के लोगों से अपनी फर्जी कंपनी के माध्यम से नौकरी लगवाने के नाम पर आवेदन मंगवाता. फिर कुछ लोगों का चयन करता था. उन्हें मेडिकल वीज़ा पर भारत बुलाया जाता था. फिर उनका फर्जी पासपोर्ट तैयार कर उन्हें विदेश भेजने का खेल शुरू होता. इसकी एवज में विदेश जाने की चाहत रखने वाले लोगों से लाखों रुपये वसूले जाते थे.

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