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Hathras Case: एक साल बाद जानें कहां हैं आरोपी ?

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 Hathras Case: हाथरस कांड को 1 साल बीत चुका है. हाथरस के बूलगढ़ी गांव में पिछले साल एक दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद हत्या करने का मामला सामने आया था, जिसमें 4 लड़कों को गिरफ्तार किया गया था. ये चारों लड़के रिश्तेदार हैं. बीते 1 साल में आरोपी परिवार के साथ क्या क्या हुआ और 1 साल में किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, ये जानने के लिए जब एबीपी न्यूज़ आरोपियों के घर पहुंचा तो आरोपियों के परिजनों ने ऑन कैमरा कुछ भी बात करने से इंकर कर दिया. हालांकि ऑफ कैमरा बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि इस मामले के बाद सामाजिक और आर्थिक दोनों ही मोर्चे पर उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ा है.

10वीं में तो आ गया लेकिन किसी स्कूल में दाखिला नहीं मिल रहा

आरोपियों के परिवार के एक बच्चे ने ऑफ कैमरा बात करते हुए ये दावा किया कि पिछले साल जब यह मामला हुआ था, तब वह नौवीं कक्षा में था. इस साल वह दसवीं में आ गया है, लेकिन किसी भी स्कूल में उसका दाखिला नहीं हो रहा है. उसका कहना है कि इस एक मामले की वजह से पूरे परिवार को बहुत कुछ झेलना पड़ रहा है. आर्थिक तौर पर हम लोग पहले से ही कमजोर थे और अब इस मामले के बाद हम पूरी तरीके से टूट चुके हैं. परिवार के जो सदस्य नौकरी कर रहे थे, उन्हें भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. एक साल में हमारे पास खाने को है या नहीं, ये भी किसी ने नहीं पूछा.

हमारे बच्चे बेकसूर हैं, लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं

इस मामले में पिछले साल 4 लड़कों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके नाम संदीप, रामू, रवि और लव कुश है. रामू के पिता से हमारी मुलाकात हुई और हमने जब उनसे कैमरे पर बात करने के लिए कहा तो उन्होंने हाथ जोड़कर बात करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि जब बीते 1 साल में हमारी किसी ने नहीं सुनी तो अब हमारी कोई भी बात रखने का क्या फायदा. हम पहले दिन से यही कहते आ रहे हैं कि हमारे चारों बच्चे बेगुनाह हैं, लेकिन यह सुनने वाला कोई नहीं है.

मीडिया के प्रति भी है नाराज़गी

रामू के पिता ने ये भी कहा कि इस पूरे मामले का मीडिया ट्रायल हुआ है और यही वजह है कि आज चारों बच्चे जेल में है. आगे अदालत क्या तय करेगी ये नहीं कह सकते?

अदालत जो भी फैसला सुनाए मान्य होगा

आरोपियों के परिवार ने ये भी कहा कि मामला अदालत में लंबित है, इसलिए भी मीडिया से बात करना उचित नहीं है. आगे अदालत जो भी मामला सुनाएगी वो मान्य होगा.

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