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किसानों का उत्पादन इस साल बनाएगा रिकॉर्ड, खरीफ फसल का उत्पादन रिकॉर्ड 15.05 करोड़ टन का अनुमान

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नई दिल्लीः इस साल मानसून अच्छा रहने और चावल का उत्पादन बढ़ने की संभावना के बीच चालू खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 15 करोड़ पांच लाख टन के स्तर तक पहुंच सकता है. इस बात की जानकारी मंगलवार को कृषि मंत्रालय की ओर से दी गई. मौजूदा वर्ष में चावल, गन्ना और कपास का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि, इस साल खरीफ सत्र के दौरान मोटा अनाज और तिलहन उत्पादन थोड़ा कम रह सकता है. अगर पिछले साल की बात करें तो साल 2020-21 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में चावल, दाल और मोटे अनाज सहित कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 14 करोड़ 95 लाख 60 हजार टन के करीब रहा था. 

धान जैसी खरीफ (गर्मी) फसलों की बुवाई जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ होती है. इसकी कटाई अधिकांश हिस्सों में अक्टूबर महीने से शुरू होती है. मौजूदा खरीफ सत्र के लिए पहला एडवांस खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान जारी करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”खरीफ सत्र में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन 15 करोड़ पांच लाख टन होने का अनुमान है.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान सहयोगी सरकार की नीतियों के अलावा किसानों और वैज्ञानिकों की अथक मेहनत के कारण भारी मात्रा में पैदावार हासिल हो रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 के खरीफ सत्र में दालों का उत्पादन बढ़कर 94.5 लाख टन होने की संभावना है. यह उत्पादन पिछले साल के 86.9 लाख टन रहा था.

किस फसल का कितना हो सकता है उत्पादन

अरहर उत्पादन, जो मुख्य खरीफ दलहन है. यह पहले के 42.8 लाख टन से मामूली बढ़कर 44.3 लाख टन होने का अनुमान जताया गया है. हालांकि मोटे अनाज का उत्पादन घट सकता है. मोटे अनाज तीन करोड़ 64.6 लाख टन से घटकर तीन करोड़ 40 लाख टन रह सकता है.

मोटे अनाजों में, मक्के का उत्पादन 2021-22 खरीफ सत्र में पिछले वर्ष के दो करोड़ 14 लाख टन से घटकर दो करोड़ 12 लाख 40 हजार टन रहने का अनुमान जताया गया है.

इसी तरह तिलहन का उत्पादन भी घट सकता है. पहले के दो करोड़ 40 लाख टन से घटकर इसका उत्पादन दो करोड़ 34 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है.

तिलहन की फसलों में मूंगफली का उत्पादन पहले के 85.5 लाख टन के मुकाबले घटकर इस बार 82.5 लाख टन तक रह सकता है. वहीं अगर सोयाबीन की बात करें तो पहले के एक करोड़ 28 लाख 90 हजार टन के मुकाबले घटकर एक करोड़ 27 लाख 20 हजार टन तक रह सकता है.

नकदी फसलों को अगर देखें तो इस मामले में, गन्ना उत्पादन पिछले साल के 39 करोड़ 92.5 लाख टन की तुलना में इस साल रिकॉर्ड 41 करोड़ 92.5 लाख टन का उत्पादन हो सकता है.

कपास का उत्पादन भी इस साल बढ़ने का अनुमान है. पिछले साल के तीन करोड़ 53.8 लाख गांठों की तुलना में इस बार इसका उत्पादन तीन करोड़ 62.2 लाख गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) तक रिकॉर्ड उपज की संभावना है.

आंकड़ों के अनुसार, वर्ष के दौरान जूट और मेस्टा का उत्पादन पहले के 95.5 लाख गांठों की तुलना में 96.1 लाख गांठ (प्रत्येक 180 किलोग्राम) रहने का अनुमान है.

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