राष्ट्रीय

कल हो सकता है इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का पहला यूजर ट्रायल

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Agni-5: गुरुवार को स्ट्रैटेजिक फोर्स कमान (एसएफसी) देश की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का पहला ‘यूजर ट्रायल’ कर सकता है. पांच हजार (5000) किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइल अग्नि-5 के अभी तक सात परीक्षण हो चुके हैं, जो डीआरडीओ ने किए थे. लेकिन जंगी बेड़े में शामिल होने के बाद ये पहला परीक्षण है. खास बात ये है कि पहली बार मल्टीपल टारगेट के साथ इसका परीक्षण किया जाएगा. ये टेस्ट ऐसे समय में होगा, जब पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं और चीन भारत की इस टेस्ट पर सवाल खड़ा कर रहा है.

जानकारी के मुताबिक अग्नि-5 के परीक्षण के लिए बंगाल की खाड़ी में 23 और 24 सितंबर का नोटम यानी नोटिस टू एयरमैन जारी किया गया है. नोटिस के तहत 23 सितंबर की दोपहर से लेकर 24 सितंबर की शाम तक बंगाल की खाड़ी में किसी भी तरह के हवाई आवाजाही पर रोक लगाई गई है. बैलिस्टिक मिसाइल और एसएफसी के अधीन होने के चलते गुरुवार के परीक्षण को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है. माना जा रहा है कि परीक्षण ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से किया जाएगा. अग्नि-5 की रेंज पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा है और ये परमाणु हथियार को ले जाने में भी सक्षम है.

बता दें कि जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल का सबसे पहला टेस्ट वर्ष 2012 में हुआ था. भारत पहले ही अग्नि-1,2,3 मिसाइल को ऑपरेशन्ली तैनात कर चुका है. माना जाता है कि ये तीनों मिसाइल पाकिस्तान के तरफ से उठ रहे खतरों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं. जबकि अग्नि-5 को खासतौर से चीन की तरफ से मिल रही चुनौतियों के लिए तैयार किया गया है. अग्नि-5 की पहुंच चीन के हर इलाके तक है. यही वजह है कि हाल ही में जब अग्नि-5 के परीक्षण की खबर आई तो चीन की विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव का हवाला देकर परीक्षण पर ऐतराज जताया था.

पीएमओ के नेतृत्व में होता है काम

अग्नि-5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है और इसकी लंबाई करीब 17 मीटर है जबकि मोटाई करीब 2 मीटर है. ये करीब 1500 किलो के वॉर-हेड (बारूद) को ले जाने में सक्षम है. सामरिक महत्व की अग्नि सीरिज की मिसाइलों की जिम्मेदारी एसएफसी कमान के पास है. परमाणु हथियारों और आईसीबीएम मिसाइलों की जिम्मेदारी इसी कमान के हाथों में होती है. ये कमान वर्ष 2003 में बनाई गई थी, जिसमें तीनों सेनाओं थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अधिकारी होते हैं और ये सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के नेतृत्व में काम करती है. अग्नि-5 मिसाइल के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल है जिनके पास पांच हजार किलोमीटर रेंज की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है. अभी इतनी लंबी दूरी की मिसाइल सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और उत्तर कोरिया जैसे देशों के पास ही है.

यह भी पढ़ें:
MRSAM-Barak-8: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मध्यम दूरी के जमीन से आसमान में मार करने वाले डिफेंस मिसाइल सिस्टम को IAF में किया शामिल
North Korea: तानाशाह किम जोंग उन ने दुनिया को चौंकाया, नॉर्थ कोरिया ने ट्रेन से दागी बैलेस्टिक मिसाइल

https://www.youtube.com/watch?v=vSgedwuHxJo

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button