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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक महिला अपनी बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए के रेस्टोरेंट पहुंची तो उनका कहना है कि उन्हें साड़ी पहनने के चलते उन्हें रेस्टोरेंट में अंदर दाखिल नहीं होने दिया गया.
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि रेस्टोरेंट की कर्मचारी महिला ये कहती है कि ‘स्मार्ट कैसुअल’ ही पहन के आया जा सकता है. दरअसल, ये घटना दिल्ली के अक्विला रेस्टोरेंट की घटना है. इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर रेस्टोरेंट पर काफ़ी आलोचना की जा रही है. वीडियो में मौजूद महिला का नाम अनीता चौधरी है जो कि साड़ी पहन कर रेस्टोरेंट गईं थी उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि साड़ी भारतीय परम्परा है, जब स्कर्ट या शार्ट पहनने पर आलोचना की जाती है तब सब खड़े हो जाते हैं उसके खिलाफ साड़ी की लड़ाई में भी सबको साथ खड़ा होने चाहिए.
रेस्टोरेंट महिला कर्मचारी को मारा थप्पड़- मैनेजर
आगे अनीता कहती हैं कि 19 सितम्बर को वो अपने बेटी का जन्मदिन मनाने गईं जिसके बाद रेस्टोरेंट की एक कर्मचारी ने उनकी बेटी से बोला कि साड़ी रेस्टोरेंट का ड्रेस कोड नहीं है. उनका कहना हैं के रेस्टोरेंट ने माफ़ी भी नहीं मांगी. हालांकि रेस्टोरेंट के मैनेजर सिद्धार्थ ने इस पूरी घटना पर सफाई देते हुए कहा के महिला का 1 बजे का रिजर्वेशन था लेकिन वो 5 बजे पहुंची जिसकी वजह से उन्हें टेबल नहीं मिल पाया. इस बात से महिला नराज़ हो गईं और उन्होंने रेस्टोरेंट के स्टाफ के साथ बत्तमीज़ी की यहां तक एक कर्मचारी को थपड़ भी मारा.
Who decides sari is not ‘smart wear’? I have worn sarees at the best restaurants in the US, UAE as well in UK. No one stopped me. And some Aquila Restaurant dictates a dress code in India and decides saree is not ‘smart enough’? Bizarre. pic.twitter.com/8c6Sj1RNha
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) September 22, 2021
दूसरी कर्मचारी ने हीट ऑफ़ मोमेंट में ऐसा बोल दिया के साड़ी नहीं बल्कि स्मार्ट कैजुअल में ही रेस्टोरेंट में आया जा सकता है. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हम सभी तरह के वस्त्रों को इजाज़त देते हैं. साड़ी हमारे घर की महिलाएं भी पहनती हैं. उस महिला कर्मी ने माफ़ी भी मांगी थी. कुछ सेकंड की वीडियो में पूरा सच नहीं दीखता.
किसी भी कर्मचारी को नहीं मारा थप्पड़- अनीता
अनीता ने लेकिन रेस्टोरेंट के बयान को खरीज कर दिया उन्होंने कहा कि, गहमा गहमी में वीडियो बना अगर पता होता कि इस तरह का व्यवहार होगा तो पहले से सभी बातें रिकॉर्ड कर लेते. उन्होंने किसी भी कर्मचारी को मारने कि बात भी झूठलाई और कहा कि मैंने मास्क उतारा था क्यूंकि आवाज़ नहीं सुनाई पड़ रही थी. आगे वों माफ़ी नहीं चाहती लेकिन साड़ी को पिछड़ा घिसा पीटा समझने वाली सोच से लड़ना चाहती हैं. वों कहतीं हैं कि ये भारतीय सभ्यता है हमारे देश कि पहचान है और ये लड़ाई इस तरह की सोच से हैं जो साड़ी पहनने वालों को पिछड़ा समझे. वो एक खास पारिवारिक लम्हा था मेरी बेटी अगले महीने पढ़ाई करने बाहर जा रही है.
आपको बता दें, जहां एक तरफ रेस्टोरेंट ने माफ़ी मागने कि बात कही और ये साफ किया के साड़ी पर कोई पाबन्दी नहीं हैं वहीं अनीता का ये कहना है के अगर ज़रूत पड़ी तो वों साड़ी कि इस लड़ाई को आगे तक ले कर जाएंगी.
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