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Delhi Crime News: ज्वेलर से रंगदारी वसूलने के मामले में 3 गिरफ्तार

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Delhi Crime News: न्यू फ्रैंडस कॉलोनी इलाके में एक ज्वेलर से रंगदारी वसूलने के मामले में दिल्ली पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 4 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. आरोपियाें की पहचान बटला हाउस, जामिया नगर निवासी अनवर उर्फ ओमेश (27), इस्माइलपुर, फरीदाबाद निवासी अंकित उर्फ गोलू (24) व जाकिर नगर, जामिया नगर निवासी असीम (26) के रूप में की गई है. पुलिस का दावा है कि इन तीनाें आरोपियों का पुराना अपराधिक रिकाॅर्ड भी है.

डीसीपी साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक आरपी मीणा ने बताया कि 13 सितंबर को न्यू फ्रैंडस कॉलोनी इलाके के एक ज्वेलर रविन्द्र वर्मा ने थाने में आकर शिकायत दर्ज करायी कि वह इलाके में ही रवि ज्वेलर्स के नाम से दुकान चलाते हैं. 11 सितंबर को उनके पास एक मोबाइल नंबर से कॉल आई. कॉलर ने उनसे 4 लाख रुपए की रंगदारी मांगी है, जिसके न देने पर जानसे मारने की धमकी दी गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि 24 घंटे के भीतर ही रकम दे दे. धमकी मिलते ही उसने उस मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया. लेकिन उसके बाद भी रविन्द्र के पास धमकी भरे मैसेज आये. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.

ऐसे पकड़े गए बदमाश

पुलिस टीम ने जांच में पाया कि पीड़ित इतना डर गया था कि उसने आरोपियों तक 4 लाख रुपए भी पहुंचा दिए थे. ये भी मालूम हुआ कि पीड़ित के साथ साल 2015 में हथियार के बल पर लूटपाट भी हुई थी. पीड़ित से 50 हजार रुपए लूट लिए गए थे. पुलिस को जांच में जानकारी मिली कि फिरौती के लिए कॉल 11 और 13 सितंबर को एक ही नंबर से किए गए थे. ये मोबाइल नंबर जिला महाराज गंज, यूपी निवासी गिरिजेश यादव के नाम पर रजिस्ट्रर्ड मिला, जो ओखला फेस तीन में एक कंपनी में कारपेंटर का काम करता था. पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि उसका मोबाइल इस साल 17 जुलाई को चोरी हो गया था. टैक्नीकल सर्विलोंस और कॉल डिटेल का विश्लेषण करने पर पता चला कि चोरी हुए मोबाइल की सिम एक अन्य मोबाइल में 19 अगस्त को डाली गई थी. लेकिन उससे भी कोई कॉल नहीं की गई. 4 सितंबर को एक अन्य मोबाइल सेट में सिम डालने के बाद 11 और 13 सितंबर को पीड़ित के पास कॉल कर रंगदारी मांगी गई थी.

पुलिस ने दोनों मोबाइल को जांच के दायरे में ले लिया. सीडीआर का विश्लेषण करने पर जानकारी मिली ये मोबाइल पिछले साल 14 नवंबर को डेढ घंटे के लिए ही इस्तेमाल किया गया था. उससे कोई कॉल नहीं की गई थी. मोबाइल तिगड़ी निवासी रेशमा के नाम पर रजिस्ट्रर्ड पाया गया. पुलिस ने इस नंबर से जुड़े फोन नंबर का पता लगाया. जिसमें एक नंबर से उसके भाई फिरोज का पता लगा. जांच में एक इनपूट मिला कि इस फोन पर काफी इनकमिंग कॉल्स एक लैंडलाइन नंबर से आए थे. लैंडलाइन नंबर का लिंक तिहाड़ जेल नंबर 4 से मिला.

पुलिस ने रेशमा की फैमिली से बात की. जिसमें पता चला कि उसका दूसरा भाई अफरोज मालवीय नगर के एक मर्डर केस में पैरोल पर बाहर आया है. वह पहले जेल नंबर 4 में बंद था. जांच करते हुए पुलिस अनीश तक पहुुंच गई. वह भी हत्या के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद था, जो अभी पैरोल पर बाहर आया हुआ था. पुलिस ने अनीश और अफरोज से पूछताछ की. जिनसे पता चला कि उनके दोस्त अंकित ने ये फोन दिया था. उसने बताया फोन और सिम दोस्त अनवर को ढाई हजार रुपए में बेचा था.
इसके बाद पुलिस ने सरिता विहार इलाके से अंकित को पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस ने अनवर को अरेस्ट कर लिया. वह 22 जुलाई से पैरोल पर बाहर था. जबकि तीसरे आरोपी अनवर के दोस्त असीम को भी दबोच लिया गया.

ऐसे रची थी रंगदारी की साजिश

पुलिस का दावा है कि पूछताछ में अनवर और असीम ने खुलासा कि ये फोन उसे अंकित से मिला था. जिसका इस्तेमाल रंगदारी की कॉल और मैसेज के लिए किया गया. उन्हाेंने ही साल 2015 में भी इसी पीड़ित काे लूटा था. ये आरोपी 2016 में एनडीएमसी के एक लॉ ऑफिसर के मर्डर केस में भी शामिल रहे हैं. इस मामले में वे तिहाड़ जेल नंबर 4 में बंद थे. जेल से बाहर आकर इन्होंने वसूली का प्लान बनाया. अंकित ने बताया कि यह मोबाइल उसने अनीस से लिया था. जब वह जेल में बंद था. इसके बाद उसने मोबाइल अनवर को ढाई हजार में बेच दिया था.

 

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