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Punjab Congress Crisis: चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद ऐसा माना जाने लगा था कि पंजाब कांग्रेस की कलह का अंत हो चुका है. लेकिन मंगलवार को पार्टी के भीतर का अंतर्कलह एक बार फिर सामने आ गया. नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना और योगिंदर ढींगरा ने पंजाब कांग्रेस के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया.
इस बीच राज्य के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि सिद्धू अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ कोई दूसरी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. पूर्व सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने अमरिंदर सिंह के हवाले से ट्वीट किया, “नियुक्ति के दो महीने के भीतर पंजाब प्रमुख के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से पता चलता है कि वह कांग्रेस छोड़ने और पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं.” इससे पहले सिद्धू के इस्तीफे के ठीक बाद कैप्टन ने ट्वीट कर कहा, “मैंने आपसे कहा था… वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए वह उपयुक्त नहीं है.”
गौरतलब है कि आज नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है. राज्य में नयी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद सिद्धू ने पद छोड़ दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा है कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे. सिद्धू ने अमरिंदर सिंह के साथ नेतृत्व को लेकर खींचतान के बीच इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था. अमरिंदर सिंह ने दस दिन पहले पार्टी आलाकमान पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं. कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा.’’
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