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परमबीर सिंह को खोजने में जांच एजेंसियों के छूटे पसीने, विदेश चले जाने का गहराया शक

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Antilia Case: एंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच कर रही एनआईए ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा लेकिन समन उन तक एक भी बार डिलीवर नहीं हुआ. महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि जांच एजेंसियों को शक है कि परमबीर सिंह देश छोड़कर चले गए हैं. परमबीर सिंह को लेकर गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने अपने बयान में कहा कि गृह विभाग को एजेंसी से मिले इनपुट के आधार पर जानकारी मिली है कि परमबीर सिंह के देश छोड़कर विदेश जाने का गृह मंत्रालय को शक है. नियम के मुताबिक सरकारी अधिकारी को बिना सरकार की इजाजत के देश के बाहर जाने की अनुमति नहीं है. पाटिल ने कहा कि परमबीर सिंह अगर विदेश गए हैं तो ये बहुत गंभीर मामला बनता है. राज्य की जांच एजेंसी उन्हें खोज रही है.

एनआईए सूत्रों ने बताया कि सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद चल रही जांच के दौरान अप्रैल महीने में परमबीर सिंह को एनआईए कार्यालय बुलाया गया था, जहां पर एनआईए ने सचिन वाझे से जुड़े कुछ सवाल पूछे थे क्योंकि जब से एंटीलिया कांड सामने आया था और वाझे को उस मामले का इंवेस्टिगेशन अधिकारी बनाया गया तब वाझे सीधे परमबीर सिंह को रिपोर्ट करता था. वहीं हाल ही में दायर चार्जशीट में एनआईए ने कई ऐसे सबूत जोड़े हैं जिसे देख एजेंसियों को परमबीर पर शक होने लगा है कि उनकी भी इस क्राइम में भागीदारी रही होगी. एनआईए ने इसी सिलसिले में अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए परमबीर सिंह को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाना चाहा लेकिन एजेंसी सिंह को ट्रैक नहीं कर पा रही है.

देश छोड़कर जाने का शक

एनआईए की टीम छत्तीसगढ़, रोहतक सहित और कुछ जगहों पर गई लेकिन कहीं भी सिंह नहीं मिले. एजेंसी को शक है कि परमबीर देश छोड़कर कहीं बाहर चले गए हैं. साथ ही एजेंसियों को यह भी शक है कि परमबीर शायद यूरोपियन देश में छिपे हुए हैं. हालांकि इसका सबूत अभी तक किसी एजेंसी को नहीं मिला है. चार्जशीट के मुताबिक एक सायबर एक्सपर्ट ने अपने जवाब में एनआईए को बताया कि एंटीलिया के पास जो जिलिटिन स्टिक्स स्कोर्पियो में मिली थी, उसके बाद एक टेलीग्राम चैनल पर धमकी आई थी, जिस पर जैश उल हिंद लिखा था. ये कहां से आया था मैसेज, इसकी रिपोर्ट को मॉडिफाई करने के लिए सिंह ने 5 लाख रुपये दिए थे.

कई मामले दर्ज

इसके अलावा एनआईए ने बताया कि जांच के दौरान उन्हें एक फेसटाइम आईडी मिली. जिसका इस्तेमाल एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपियों और संदिग्धों से सीक्रेट संपर्क स्थापित करने के लिए किया गया था. जब उन्होंने आईडी के बारे में पूछा तो पता चला कि इसका फर्स्ट नेम कुरकुरे और लास्ट नेम बालाजी था. वहीं एनआईए को एक और फेसटाइम आईडी की जानकारी का इंतजार है, जिसका इस्तेमाल इसी तरह के सीक्रेट कम्यूनिकेशन के लिए किया गया था. एनआईए के अलावा स्टेट सीआईडी और ठाणे पुलिस ने परमबीर के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. सिंह के खिलाफ अब तक 5 मामले दर्ज है, जिसमें से एक की जांच मुंबई, एक की थाने और तीन मामलों की जांच स्टेट सीआईडी कर रही है.

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