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Azadi Ka Amrit Mahostav: महिलाओं के उत्थान और नारी शिक्षा के लिए अहम योगदान देने वाली भारत की पहली महिला डॉक्टर कादंबिनी गांगुली की आज पुण्यतिथि है. इस मौके पर आज पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है. मिनिस्ट्री ऑफ इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग (MIB) ने भी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की श्रृंखला में आज कादंबिनी गांगुली को याद किया है.
महिलाओं के उत्थान और नारी शिक्षा के लिए किया काम
कादंबिनी गांगुली का जन्म बिहार के भागलपुर में 18 जुलाई 1861 को हुआ था. कादंबिनी कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने वाली पहली महिला थीं. वह पूरे दक्षिण एशिया में पश्चिमी चिकित्सा की पहली महिला डॉक्टर थीं. कादंबिनी गांगुली महिलाओं के उत्थान और नारी शिक्षा के लिए अहम योगदान दिया. उनका तीन अक्टूबर 1923 को निधन हो गया था.
19वीं सदी के स्टैंडर्ड के अनुसार यह एक असाधारण उपलब्धि थी, क्योंकि उस समय मेडिकल कॉलेज एडमिशन लेने वालों में लगभग पुरुष ही होते थे. कादंबिनी गांगुली 1886 में दक्षिण एशिया में यूरोपीय मेडिसिन में ट्रेंड होने पहली महिला डॉक्टर बनीं. तीन साल बाद वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र के मंच पर आने वाली पहली महिला थीं.
स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में शुरू किया था करियर
गांगुली 1892 में यूनाइटेड किंगडम (यूके) गई और डबलिन, ग्लासगो और एडिनबर्ग से आगे ट्रेनिंग प्राप्त की. वहां से लौटने पर उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अपना करियर शुरू किया. वे कोलकाता के लेडी डफरिन अस्पताल में काम करने लगी और वहां उन्होंने अंतिम दिनों तक अपनी प्रैक्टिस जारी रखी.
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