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पश्चिम बंगाल में बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति, 6 जिलों में मदद के लिए सेना मैदान में उतरी

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कोलकाताः दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की ओर से पानी छोड़े जाने और राज्य में जारी लगातार बारिश के कारण पश्चिम बंगाल के छह जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. इन जिलों में स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि लोगों की सहायता के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है. दोनों की सहायता से राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, सेना की आठ कंपनियां अब तक पश्चिमी बर्दवान और हावड़ा के लिए तीन-तीन और हुगली के खानकुल और आरामबाग इलाके के लिए दो कंपनियों की तैनाती की गई है. यह दूसरी बार है जब बचाव अभियान में सहायता के लिए सेना की मदद ली जा रही है.

राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने पश्चिमी और पूर्वी बर्दवान, बांकुरा, बीरभूम, हुगली और हावड़ा के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ एक आपात बैठक की. इस दौरान उन्होंने वहां के हालात का जायजा लिया. इस बैठक के बाद राज्य सरकार ने कुछ क्षेत्रों में सेना को तैनात करने का फैसला किया है.

मुख्य सचिव ने ली हालात की जानकारी

बैठक के दौरान एचके द्विवेदी ने डीएम से बाढ़ की स्थिति के बारे में जाना. उन्होंने कहा कि प्रशासन लोगों को बचाने के लिए उचित कदम उठाएं और उन्हें राहत शिविरों में आश्रय प्रदान करें. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि राहत शिविरों में सूखे भोजन और राहत सामग्री का पर्याप्त स्टॉक रखें.

सूत्रों ने बताया कि बुधवार रात से दुर्गापुर बैराज से अचानक 2.4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से स्थिति और खराब हो गई. डीवीसी की ओर से गुरुवार को दोपहर 3 बजे 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. राज्य के सिंचाई विभाग ने बताया कि तिलपारा बैराज ने क्रमश: 12,000 क्यूसेक, सिकटिया बैराज 90,000 क्यूसेक और कंगसाबती बांध से 30,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

एसडीआरएफ की चार टीमों की ओर से बचाव अभियान शुरू

आसनसोल के कई इलाके, खासकर रेलपार और कालीपहाई इलाके में पानी घर के भीतर चले गए. आसनसोल नगर निगम में 106 में से 37 वार्ड जलमग्न हो गए. अब तक 5,850 लोगों को 36 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. हालांकि, 900 लोग फंसे हुए हैं. सेना तीन नावों के साथ पानागढ़ से मौके पर पहुंच गई है. जबकि एसडीआरएफ की चार टीमों की ओर से बचाव अभियान शुरू कर दिया है.

आसनसोल में घरों में पानी घुसने के कारण कई लोगों ने घरों की छतों पर शरण ली. अजय नदी के पास रहने वालों ने अपने घरों के भूतल को खाली कर दिया. जबकि पश्चिम बर्दवान में कालीपहाड़ी के पास NH2 के ऊपर पानी बह रहा है. अजय और दामोदर नदी के पास रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है.

सरकर देगी मुआवजा

मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सभी लोगों को मुआवजे का वादा करते हुए कहा कि स्थिति पर नजर रखने के लिए कई मंत्रियों को भेजा जा रहा है. सुब्रत मुखर्जी सोमवार को बमकुरा के लिए उड़ान भरेंगे, जबकि कल्याण बनर्जी और मलय घटक पुरुलिया, बांकुरा और आसनसोल में बाढ़ राहत कार्य पर नजर रखेंगे. वरिष्ठ नेताओं में बेचाराम मन्ना और फिरहाद हकीम को हुगली में स्थिति पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं मानस भुइयां को पश्चिम मिदनापुर का प्रभार सौंपा गया है. 

बाढ़ पर राजनीती

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर झारखंड से डीवीसी की ओर से अंधाधुंध पानी छोड़ने को लेकर हस्तक्षेप की मांग करेंगी. हालांकि, भाजपा ने राज्य में बाढ़ की स्थिति के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है.

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