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Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी मामले में अब तक क्या कुछ हुआ, पढ़ें 10 बड़ी बातें

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Lakhimpur Kheri Violence: यूपी के लखीमपुर खीरी की हिंसा की घटना की पूरे देश में चर्चा है. यहां किसान सहित आठ लोगों की मौत हो गई. विपक्ष के निशाने पर बीजेपी की सरकार है. किसान संगठनों और प्रशासन की बातचीत के बाद यूपी सरकार ने घायल और मृतक किसानों के परिजनों के मुआवजे का एलान किया. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) उर्फ़ मोनू के खिलाफ एफआईआऱ हुई है. इसमें केंद्रीय मंत्री का भी नाम है.

पढ़ें 10 बड़ी बातें

केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ एफआईआर

लखीमपुर खीरी हिंसा केस में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, दुर्घटना करने और बलवा की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. इसी एफआईआर में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी का भी नाम शामिल है. धारा 120 बी के तहत केस दर्ज हुआ है. आपराधिक षड्यंत्र करने का भी आरोप है.

मुआवजे का एलान, हाई कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में जांच

लखीमपुर खीरी में हुई घटना पर यूपी के ADG (क़ानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपये का मुआवजा सरकार के द्वारा दिया जाएगा. घायलों को 10 लाख रुपये का अनुदान शासन द्वारा दिया जाएगा. मृतकों के घर के एक सदस्य को योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाएगी. हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में पूरे मामले की न्यायिक जांच होगी. 

लखीमपुर जिले के कुछ हिस्सों में इंटरनेट पर रोक

अधिकारियों के अनुसार लखीमपुर जिले के कुछ हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है, जहां दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया है.

प्रियंका गांधी क्या बोलीं?

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा, “जब भी मैं कहीं जाना चाहती हूं तो सरकार रोक देती है. हाथरस, सोनभद्र और सीएए-एनआरसी को लेकर लखनऊ गई तो इन्होंने रोका. क्या मेरे जाने से कोई हिंसा हुई है? क्या मैंने जनता को उकसाया है? मैं तो हमेशा बात करके आई हूं.” प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़ित परिवारों से मिले बिना नहीं लौटूंगी.

अखिलेश यादव हाउस अरेस्ट

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को हाउस अरेस्ट किया गया है. इसके बाद उन्नाव सपा कार्यकर्ताओं जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. सपा के जिलाध्यक्ष समेत कई दिग्गज नेता भारी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरे और लखीमपुर खीरी में हुए प्रकरण की निंदा करते हुए जमकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. मौके पर पुलिस प्रशासन के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे.

ममता बनर्जी का बयान

लखीमपुर खीरी की हिंसक घटना पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस घटना की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द भी नहीं है. वे(भाजपा) लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते है, वे “ऑटोक्रेसी” चाहते हैं. क्या यह राम राज्य है? नहीं, यह “किलिंग राज्य” है.”

पंजाब के सीएम क्या बोले?

पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, “हम लखीमपुर खीरी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निंदा करते हैं. दोषियों को गिरफ़्तार किया जाना चाहिए. इस घटना के पीछे 3 कृषि क़ानून हैं. मैंने अपने मंत्रियों के साथ राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और उन्हें 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा.”

यूथ कांग्रेस का कैंडल मार्च

कांग्रेस की युवा इकाई ने सोमवार को कैंडल मार्च निकालकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए चार किसानों को श्रद्धांजलि दी. इससे पहले, भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस घटना के विरोध में उत्तर प्रदेश भवन के सामने प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

बीजेपी का विपक्ष पर निशाना

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए बीजेपी के नेताओं ने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी किसानों के आंदोलन के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. बीजेपी के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में सपा कार्यकर्ता शामिल थे. इस घटना में मारे गए एक व्यक्ति के रिश्तेदारों की ओर से दायर शिकायत की तस्वीर साझा करते हुए मालवीय ने दावा किया कि हिंसा में सपा के कार्यकर्ता शामिल थे, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसान बता रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलन के नाम पर सपा और कांग्रेस लखीमपुर में राजनीति कर रहे है.’’

संयुक्त किसान मोर्चा का देशभर में प्रदर्शन

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को दावा किया कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक दिन पहले हुई हिंसक झड़पों पर रोष व्यक्त करने के लिए देश भर में किसानों के नेतृत्व में प्रदर्शनों का आयोजन किया गया.

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