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लखीमपुर हिंसाः केस दर्ज होने के बाद माने किसान, हिरासत में ली गईं प्रियंका लखीमपुर जाने पर अड़ी

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Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद सरकार और किसानों के बीच मामला सुलह की ओर जाता दिख रहा है. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद किसानों का प्रदर्शन ठंडा होता दिख रहा है. वहीं राज्य सरकार की ओर से मृतक किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये का मुआवजा सरकार के ओर से दिया जाएगा. प्रशासन ने एलान किया है कि इस हिंसा में घायल किसानों को 10 लाख रुपये का अनुदान सरकार की ओर से दिया जाएगा. इसके अलावा मृतकों के घर के एक सदस्य को योग्यता के आधार पर राज्य सरकार नौकरी देगी.

हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में होगी जांच

लखीमपुर हिंसा को लेकर यह भी एलान किया गया है कि इस मामले की जांच हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में होगी. बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा केस में आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, दुर्घटना करने और बलवा की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. दर्ज एफआईआर में केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा का नाम भी शामिल है. उनके खिलाफ धारा- 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी क्षेत्र में हुई हिंसा की घटना में चार किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत की मौत हो गई. घटना के बाद सोमवार तड़के मौके पर जाते वक्त कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सीतापुर में पुलिस ने हिरासत में लिया. हिरासत में लेने के बाद प्रियंका गांधी ने एलान कर दिया कि पीड़ित किसानों के परिवार से मुलाकात के बगैर वह वापस नहीं जाएंगे.

कांग्रेस ने कहा कि किसानों के साथ खड़ी है पार्टी

कांग्रेस की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि पार्टी किसानों के साथ खड़ी है. कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी उत्तर प्रदेश के तानाशाही निज़ाम को खत्म करके ही दम लेगी. प्रियंका गांधी को हिरातस में क्यों लिया गया है इस संबंध में वहां मौजूद अधिकारी इस बात को लेकर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं.

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