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Jaipur Rape case: आमतौर पर यह देखा जाता है कि पुलिस एक केस की जांच और कोर्ट में उसकी चार्जशीट फाइल करने में काफी समय लगा देती है उसका ट्रायल चलते-चलते कई महीने लग जाते हैं. लेकिन, जयपुर के पोक्सो कोर्ट ने महज 9 दिनों के भीतर रेप केस में फैसला देकर एक नजीर पेश किया है. महज तरह घंटे में किडनैप और रेप के आरोपी की पुलिस ने गिरफ़्तारी की और सिर्फ छह घंटे में कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया. त्वरित न्याय का यह अनूठा उदाहरण पेश किया है जयपुर पुलिस ने.
जयपुर में मंगलवार को पोक्सो कोर्ट ने 25 साल के कमलेश मीणा को 20 साल की सजा सुनाई. कमलेश पर नौ साल की मासूम बच्ची को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म का आरोप था. दरिंदे कमलेश में दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या का प्रयास भी किया था.
मामला जयपुर जिले के कोटखावदा का है. आरोपी कमलेश इसी थाना इलाके के बासड़ा गांव का रहने वाला है. 26 सितम्बर की शाम करीब छह बजे मासूम बच्ची अपने दादा जी के लिए कुछ सामान लेने घर के नज़दीक बाज़ार में गई थी. यही पर कमलेश ने उसे अकेला देखकर उसका अपहरण कर लिया और उसे कुछ दूर सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया.
बच्ची रोने लगी तो कमलेश में उसका गला घोटने की कोशिश भी की. इस मामले की सूचना उसी दिन रात करीब साढ़े नौ बजे कोटखावदा थाने में दर्ज हुई. पुलिस फ़ौरन हरकत में आयी और खुद डीसीपी दक्षिण हरेंद्र महावर ने जांच की पूरी कमान संभाली. महावर ने कुल डेढ़ सौ पुलिसकर्मियों की पांच टीमों का गठन किया और जांच शुरू हुआ. आरोपी कमलेश मीणा फरार हो गया था और पुलिस टीम कड़ी से कड़ी जोड़कर उसकी तलाश में जुट गई.
सिर्फ तरह घंटे के भीतर कमलेश पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इसके बाद पुलिस टीम ने लगातार काम करके उसके खिलाफ छह घंटे में आरोप पत्र तैयार कर उसे अगले दिन पोक्सो कोर्ट में पेश कर दिया. राजस्थान पुलिस के इतिहास में किसी आपराधिक मामले का इतनी जल्दी चालान पेश कर आरोपी को सजा दिलवाने का संभवत ये पहला मामला है.
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