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लगातार बारिश से पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति बिगड़ी, 6 जिलों में सेना से ली जा रही है मदद

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Floods In West Bengal: दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की तरफ से अचानक पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश के चलते पश्चिम बंगाल के छह जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. राज्य की स्थिति इतनी गंभीर हो गयी की सहायता के लिए सेना और एनडीआरएफ को बुलाना पड़ा है.  मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी ने गुरुवार शाम को पश्चिम और पूर्वी बर्दवान, बांकुरा, बीरभूम, हुगली और हावड़ा के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ एक आपात बैठक की और स्थिति का जायजा लिया.

इसके बाद, राज्य सरकार ने कुछ क्षेत्रों में सेना को तैनात करने का फैसला किया. हालांकि एनडीआरएफ की टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बर्दवान और हावड़ा के लिए तीन-तीन और हुगली के खानकुल और आरामबाग इलाके के लिए दो कंपनियों की तैनाती की गई हैं. ऐसा दूसरी बार है जब बचाव अभियान में सहायता के लिए सेना को बुलाया गया.

बाढ़ से बिगड़ी स्थिति
द्विवेदी ने डीएम से बाढ़ की स्थिति के बारे में पूछा और चाहते थे कि वे लोगों को बचाने के लिए उचित कदम उठाएं और उन्हें राहत शिविरों में आश्रय प्रदान करें और सूखे भोजन व राहत सामग्री का पर्याप्त स्टॉक रखें. नबन्ना के सूत्रों ने बताया कि बुधवार रात से दुर्गापुर बैराज से अचानक 2.4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से स्थिति और खराब हो गई.

राज्य के सिंचाई विभाग ने कहा- डीवीसी ने गुरुवार की दोपहर 3 बजे छोड़ा 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा. इनमें तिलपारा बैराज ने क्रमश: 12,000 क्यूसेक, सिकटिया बैराज 90,000 क्यूसेक और कंगसाबती बांध से 30,000 क्यूसेक पानी छोड़ा है. आसनसोल के कई इलाके, खासकर रेलपार और कालीपहाई इलाके पानी के भीतर चले गए, जिसके लिए सेना को तैनात करनी पड़ी. आसनसोल नगर निगम में 106 में से 37 वार्ड जलमग्न हो गए. अब तक 5,850 लोगों को 36 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
 
लोगों ने छत पर ली शरण
आसनसोल में कई लोगों ने घरों की छतों पर शरण ली. अजय नदी के पास रहने वालों ने अपने घरों के भूतल को खाली कर दिया, जबकि पश्चिम बर्दवान में कालीपहाड़ी के पास NH2 पानी के भीतर था. अजय और दामोदर नदी के पास रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया था. खोंडोघोश, रैना, औसग्राम, केतुग्राम (I) और (II) और मंगलकोट क्षेत्रों में घोषणाएं की गईं. दुर्गापुर बैराज का पानी बड़जोरा पहुंचने से बांकुरा के कई इलाके भी जलमग्न हो गए.

ममता ने डीवीसी पर लगाया आरोप

इधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बयान जारी कर राज्य के दक्षिणी हिस्से में मौजूदा बाढ़ के लिए झारखंड और दामोदर घाटी निगम को जिम्मेदार ठहराया. बाढ़ को ‘मानव निर्मित संकट’ बताने के अलावा उन्होंने समय पर नहरों और बांधों की मरम्मत नहीं करने के लिए झारखंड सरकार के खिलाफ भी असंतोष व्यक्त किया. उन्होंने डीवीसी अधिकारियों पर बिना किसी को बताए तड़के तीन बजे पानी छोड़ने का आरोप लगाया.

दिलीप घोष का पलटवार

वहीं दूसरी ओर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने बंगाल सरकार पर पलटवार करते हुए कहा की राज्य में पfछले दस वर्षों में कोई काम नहीं हुआ. उन्होंने कहा- “वे पिछले दस वर्षों से कोलकाता में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं कर पाए हैं. इस साल पश्चिम बंगाल में सिर्फ एक बार भारी बारिश हुई है और बाढ़ आ गई है. उन्हें जवाब देना होगा कि उन्होंने पिछले दस वर्षों में क्या किया है. केवल एक प्रशासक के रूप में दूसरों की आलोचना करने के लिए लोग उन पर दया नहीं करेंगे.”

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