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लखीमपुर हिंसा: तीन दिन बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं, टिकैत ने सरकार को दिया है हफ्ते भर का समय

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नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को आज तीन दिन हो गए हैं. विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर है. हिंसा के बाद किसानों और प्रशासन के बीच चार मुद्दों पर समझौता हुआ था. इस समझौते की अगुवाई किसान नेता राकेश टिकैत ने की थी. इन चार मुद्दों में एक बड़ा मुद्दा था कि आठ दिन के भीतर हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार करना भी था. घटना के तीन दिन बीत गए हैं लेकिन इस मामले में अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.

इससे पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. राकेश टिकैत ने आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी और अजय मिश्रा की मंत्री पद से बर्खास्तगी की मांग की थी. किसानों और प्रशासन के बीच हुए समझौते के मुताबिक हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस मामले की जांच करेंगे. पीड़ित परिवारों को 45-45 लाख मुआवजा और आश्रितों को सरकारी नौकरी देने का फैसला हुआ था. इसके साथ ही घायलों को 10 लाख रुपये की मदद का भी एलान किया गया था.

इस पूरे मामले पर मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने गृह राज्य मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी के लिए सरकार को एक हफ्ते का समय दिया गया है. उन्होंने कहा, ”मारे गये किसानों के भोग (क्रिया) के दिन हम सब यहां फिर इकट्ठा होंगे और तभी आगे की रणनीति पर चर्चा होगी.” टिकैत लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसान गुरविंदर सिंह घर पहुंचे थे.

लखीमपुर में अब तक क्या हुआ?
रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के गावं में कुश्ती प्रतियोगिता थी. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी आना था. यहीं पर बड़ी संख्या में किसान विरोध करने
के लिए पहुंचे थे. आरोप है कि किसानों के प्रदर्शन से नाराज होकर मंत्री के बेटे के काफिले की गाड़ियों ने किसानों को कुचला. इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गई.  किसानों की मौत के बाद मंत्री समर्थकों पर भी हमले की बात कही गयी. किसानों के हमले में भी चार लोगों की मौत का आरोप है.

विपक्षी नेताओं की नो एंट्री
लखीमपुर खीरी में विरोध के लिए पहुंच रहे विपक्षी नेताओं की प्रशासन ने नो एंट्री कर दी है. इन विपक्षी नेताओं में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, सतीश चंद्र मिश्र, शिवपाल यादव, जयंत चौधरी, भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखजिंदर रंधावा समेत कई नेताओं को लखीमपुर जाने से रोक दिया.

प्रियंका की सक्रिता से सीतापुर बन रहा केंद्र
लखीमपुर खीरी में बवाल और प्रशासन की सख्ती के बाद अब सीतापुर विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनता जा रहा है. सीतापुर में गिरफ्तारी के बाद पीएसी गेस्ट हाउस से ही प्रियंका गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं को फोन के जरिए संबोधित किया. कल उनके समर्थन में मशाल जुलूस भी निकाला गया. आज राहुल गांधी भी लखीमपुर जाने वाले थे, लेकिन उन्हें यूपी सरकार ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर इजाजत नहीं दी. हालांकि राहुल गांधी ने कहा है कि सिर्फ तीन लोगों का प्रतिनिधि मंडल लेकर लखीमपुर जाएंगे.

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