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जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन आने में देरी, कीमत तय करने को लेकर बातचीत जारी

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Corona Vaccine: अगस्त में जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की अनुमति मिली थी और इस वैक्सीन की खास बात थी कि ये 12 से 18 साल के बच्चों को भी दी जा सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में ये आ जाएगी और लोगों को दी जाएगी लेकिन अभी तक वैक्सीन कब आएगी, क्या कीमत होगी और कब से लोगों को मिलेगी, ये साफ नहीं है. सरकार के मुताबिक जल्द वैक्सीन आएगी, जिसको लेकर तैयारी की जा रही है और कीमत पर अभी बातचीत जारी है.

कोरोना के खिलाफ ये दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है. इसे जायडस कैडिला ने तैयार की है और अगस्त के महीने में इसके तीनों चरण के ट्रायल के नतीजों के आधार पर जायडस कैडिला की ZycovD को ड्रग कंट्रोलर जनरल ने इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की अनुमति दे दी. ये भारत की पहली वैक्सीन है जिसे 12 साल के ऊपर के लोगों को दी जा सकता है. यह 12 साल के ऊपर के बच्चों के लिए पहली वैक्सीन है. लेकिन अभी तक ये वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाई है जबकि अगस्त के महीने में ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि वैक्सीन अक्टूबर के पहले हफ्ते में उपलब्ध होगी.

वहीं देरी होने के पीछे कारण है कि इसकी कीमत क्या होगी, इसको लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है, इसको लेकर बातचीत जारी है. वहीं दूसरी वजह है कि ये वैक्सीन नीडल फ्री ऐप्लिकेटर दर्द रहित इंट्राडर्मल वैक्सीन है और इसकी तैयारी और ट्रेनिंग दी जा रही है. नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य और कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम के सदस्य डॉ. वीके पॉल का कहना है कि जल्द यह वैक्सीन टीकाकरण में शामिल होगी लेकिन कब होगी, ये साफ नहीं है. वहीं वैक्सीन की कीमत पर भी बातचीत चल रही है.

कीमत पर नहीं हुआ फैसला

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक कीमत को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. सरकार और कंपनी की बातचीत जारी है. इसमें जल्द फैसला होने की उम्मीद है. ये वैक्सीन थोड़ा अलग होने की वजह से इसकी कीमत अभी तक तय नहीं हो पाई है. वैक्सीन आम वैक्सीन की तरह नीडल और सिरिंज से नहीं बल्कि नीडल फ्री ऐप्लिकेटर के जरिए दी जाएगी, जिसके लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.

जायडस की कोरोना वैक्सीन की बात करें तो ये ट्रिपल डोज वाली वैक्सीन है. इस वैक्सीन की तीन डोज है जो कि 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा जाएगी. इस वैक्सीन को 12 से 18 साल के करीब हजार बच्चों पर ट्रायल किया गया और सुरक्षित पाया गया. इसकी एफिकेसी 66.6% है. तीन डोज वाली इस वैक्सीन को 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा सकती है. इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है.  ये पहली Plasmid डीएनए वैक्सीन है. इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं बल्कि ये वैक्सीन नीडल फ्री है. इसे जेट इंजेक्टर के जरिए दिया जा सकेगा. कंपनी की योजना सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की है.

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