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IAS परीक्षा पास किए बिना बड़े पदों पर नियुक्ति, केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने 31 लोगों की भर्ती की

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UPSC Exam: केंद्र सरकार के मंत्रालयों में अब आप आईएएस की परीक्षा पास किए बिना ही बड़े पदों पर भर्ती हो सकते हैं. केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के अनुरोध पर केंद्रीय लोकसेवा आयोग ने 31 ऐसे ही लोगों की भर्ती की है और इनमें संयुक्त सचिव से लेकर उपसचिव तक के अधिकारी शामिल है. केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कार्मिक मंत्रालय ने 14 दिसंबर 2020 को केंद्रीय लोक सेवा आयोग से अनुरोध किया था कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव निदेशक पद और उपसचिव पद पर लेटरल भर्ती के जरिए योग्य उम्मीदवारों की भर्ती की जाए.

सरकार के जरिए दी गई आधिकारिक सूचना के मुताबिक केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने इन तीनों पदों पर भर्ती के लिए 6 फरवरी 2021 को संयुक्त सचिव और निदेशक स्तर पर भर्ती के लिए ऑनलाइन रिक्रूटमेंट एप्लीकेशन जारी की और इस ऑनलाइन एप्लीकेशन को 22 मार्च 2021 तक भरा जा सकता था. केंद्र सरकार की आधिकारिक सूचना के मुताबिक उपसचिव पद पर भर्ती के लिए 20 मार्च 2021 को ऑनलाइन पोर्टल पर भर्ती निकाली गई और इसमें 3 मई 2021 तक आवेदन किया जा सकता था. केंद्र सरकार की आधिकारिक सूचना के मुताबिक संयुक्त सचिव पद के लिए 295 प्रार्थना पत्र निदेशक पद के लिए 1247 प्रार्थना पत्र जबकि उप सचिव पद के लिए 489 प्रार्थना पत्र आए.

साक्षात्कार के लिए बुलाया

कार्मिक मंत्रालय के जरिए दी गई आधिकारिक सूचना के मुताबिक केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने इन सभी प्रार्थना पत्रों की जांच की और उसके बाद इनमें से 231 लोगों को अलग-अलग पदों के साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. यह साक्षात्कार 27 सितंबर से 8 अक्टूबर तक हुए और इसके बाद से कुल 31 उम्मीदवारों को इन तीनों पदों के लिए योग्य पाया गया. केंद्र सरकार के आला अधिकारी के मुताबिक इनमें 3 पद संयुक्त सचिव के हैं जबकि 19 पद निदेशक स्तर के अधिकारी के लिए और 9 पद उपसचिव स्तर के अधिकारियों के है. केंद्र सरकार के जिन मंत्रालयों में इनकी तैनाती की जा रही है उनमें कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग, वाणिज्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय, उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय, यातायात और हाईवे मंत्रालय, नागरिक उड्डयन आदि शामिल हैं.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक नौकरशाही में लैटरल एंट्री का पहला प्रस्ताव साल 2005 में लाया गया था लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार ने उसे मानने से इनकार कर दिया था. इसके बाद साल 2010 में एक बार फिर केंद्र सरकार के विभागों में लेटरल एंट्री के जरिए अधिकारियों की भर्ती की बात कही गई लेकिन तब भी सरकार ने इसे नहीं माना. इसके बाद साल 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनी तो साल 2016 में ऐसी भर्ती किए जाने के लिए एक कमेटी बनाई गई. इस कमेटी ने इसके पहले की जो भी सिफारिशें या प्रस्ताव थे, उनमें कुछ बदलाव किए और उसके बाद ऐसी भर्ती किए जाने के लिए सरकार को अपना प्रस्ताव सौंप दिया. मोदी सरकार ने इस पूरे प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने के बाद लेटरल भर्ती किए जाने को हरी झंडी दे दी.

लेटरल एंट्री सिस्टम के तहत सरकारी विभागों में आईएएस या अन्य किसी प्रतियोगी परीक्षा दिए बिना भी सीधे वरिष्ठ अधिकारी बना जा सकता है और इसमें उपसचिव, निदेशक, संयुक्त सचिव और यहां तक की सीधे सचिव भी बनाया जा सकता है. केंद्र सरकार के आला अधिकारी के मुताबिक इन पदों पर सीधी भर्ती के लिए वांछित योग्यता जरूरी है. जैसे उम्र सीमा, कार्यकुशलता, शैक्षिक योग्यता, कार्यानुभव आदि शामिल है. लेटरल एंट्री के तहत जो उम्मीदवार आवेदन करते हैं, उनके प्रार्थना पत्रों पर केंद्रीय लोकसेवा आयोग बारीकी से जांच कर विचार करता है और फिर जो उम्मीदवार योग्य होते हैं उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है.0

जो उम्मीदवार केंद्रीय लोक सेवा आयोग का यह साक्षात्कार पास कर लेते हैं, वह सीधे सरकारी विभागों में वरिष्ठ पदों पर भर्ती कर लिए जाते हैं. हालांकि उनकी भर्ती कुछ समय सीमा के लिए ही कॉन्ट्रैक्ट बेस पर की जाती है और जरूरत समझने पर सरकार उस समय सीमा को और आगे भी बढ़ा सकती है. फिलहाल केंद्र सरकार के लोगों का मानना है कि नौकरशाही की लाल लालफीताशाही पर लगाम कसने के लिए यह एक बड़ा कदम है.

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