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नई दिल्ली: सर्वाजनिक जगहों पर छठ पूजा आयोजित नहीं किए जाने के विरोध में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को पानी की बौछार का प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद मनोज तिवारी घायल हो गए. दरअसल, मनोज तिवारी बैरिकेड पर चढ़कर विरोध कर रहे थे, तभी सिर पर पानी की बौछार से वे बैरिकेड से नीचे गिए गए. गिरने से उन्हें काफी चोट आई है. उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
छठ महापर्व की विरोधी केजरीवाल सरकार के विरोध में दिल्ली भाजपा का मुख्यमंत्री आवास पर प्रचंड प्रदर्शन। @ManojTiwariMP @adeshguptabjp #ChhathVirodhiKejriwal https://t.co/xU0nbOs0Y1
— Office Of Manoj Tiwari🇮🇳 (@ManojTiwariOffc) October 12, 2021
गौरतलब है कि इस साल कोरोना संक्रमण के कारण दिल्ली सरकार ने सर्वाजनिक जगहों पर छठ पूजा मनाए जाने पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि नदियों के किनारे या सर्वाजनिक जगहों पर छठ पूजा करने पर मनाही कोरोना माहामारी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए लगाई गई है, इसलिए छठ पूजा को लेकर राजनीति नहीं करें. सीएम केजरीवाल के इस आदेश पर बीजेपी नेता लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना गाइडलाइन के साथ छठ पूजा मनाए जाने की अनुमति मिलनी चाहिए.
वहीं, बीजेपी नेता मनोज तिवारी एक के बाद कई ट्वीट कर सीएम केजरीवाल पर निशाना साध रहे हैं. मनोज तिवारी ने कहा, हम पूरी दिल्ली के छठ व्रत करने वालों की भावना को देखते हुए छठ पर्व को बड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे. स्वच्छता के प्रतीक छठ पर्व को मनाने में आखिर केजरीवाल को इतनी आपत्ति क्यों है? वहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, छठ एक आस्था का विषय है इसमें राजनीति तो आनी ही नहीं चाहिए और इसलिए हम राजनीति से हटकर सभी छठ समितियों से मिल रहे हैं, उनकी तैयारी को समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा सीधा ना मनाने का फैसला काफी हैरान करने वाला है.
मनोज तिवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा, छठ की महत्ता और उस पर विश्वास को समझते हुए मैं मानता हूं कि छठ पूजा को मनाना दिल्ली में रहने वाले 80 लाख पूर्वांचलियों के लिए संजीवनी के समान है. छठ पूजा पर रोक को लेकर मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार को हिंदू विरोधी सरकार बताया है. उन्होंने लिखा, जब पूरी दिल्ली खुली हुई है, दुकानें, बाजार, सिनेमाहॉल यहां तक कि स्विंमिंग पूल भी खुल चुके हैं तो छठ मनाने पर रोक लगाने का क्या मतलब है.
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