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Coal Crisis: कोयले की किल्लत के कारण कई राज्य बिजली की मांग और आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावार हैं. आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, झारखंड, बिहार, तमिलनाडु और दिल्ली समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कोयले की कमी को पूरा करने और बिजली की उत्पादन बढ़ाने की मांग की है. वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर संबंधित मंत्रालयों के साथ बैठक कर सभी दिक्कतें दूर करने के निर्देश दिए हैं.
वहीं, राजस्थान में बिजली संकट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बयान देते हुए कहा, राज्यों की मदद करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि यह जगजाहिर है कि कोयले की कमी है और राज्य परेशान है.
आज देशभर के बिजली उत्पादन संयंत्र कोयले की कमी से जूझ रहे हैं। इस देशव्यापी संकट से निपटने के लिए माननीय प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करते हुए राज्यों को उनकी जरूरत के अनुसार शीघ्र कोयला उपलब्ध करवाना चाहिए।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 12, 2021
वहीं, मौजूदा स्थिति पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि बहुत ज्यादा बारिश भी इसकी एक वजह है. ज्यादा बारिश होने से सप्लाई और प्रोडक्शन में कुछ कमी आई थी. दूसरी वजह इंपोर्डेट कोयले का भाव है जो बहुत ज्यादा हो गया है.
उन्होंने कहा, मैं कोई आरोप नहीं लगाना चाहता लेकिन हमने राज्यों से जनवरी से लेकर जुलाई तक आग्रह किया था कि आप हमसे कोयला लेकर स्टॉक बढ़ाइए क्योंकि बारिश होने पर मुश्किल होती है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. जबकि उनको पैसा नहीं देना था, क्रेडिट पर कोयला मिलता. उन्होंने कहा कि रोजाना जो कोयला भेजा जा रहा है वो जारी रहेगा. अगले 15-20 दिनों में स्टॉक बढ़ने लगेगा. कई राज्यों के पास कैप्टिव कोयला खदान हैं उसका भी उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया.