[ad_1]
CM bhupesh baghel on Veer Savarka: वीर सावरकर को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से किए गए दावे को लेकर बहस छिड़ गई है. कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने राजनाथ सिहं के इस दावे को लेकर हमलावर हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वीर सावरकर ने वर्ष 1925 में जेल से बाहर आने के बाद अंग्रेजों के ‘फूट डालो और राज करो’ के एजेंडे पर काम किया और उन्होंने सबसे पहले ‘दो राष्ट्र’ की बात कही थी.
राजधानी रायपुर के हेलीपैड पर बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने यह बात मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उस टिप्पणी के जवाब में कही जिसमें कहा गया है कि महात्मा गांधी के अनुरोध पर सावरकर ने दया याचिका दी थी.
माफी मांगने के बाद सावरकर जीवन भर अंग्रेजों के साथ रहे और अंग्रेजों के “फूट डालो-राज करो” के एजेंडा को आगे बढ़ाते रहे।
हिंदुस्तान-पाकिस्तान दो राष्ट्र की मांग सबसे पहले सावरकर ने रखी। pic.twitter.com/9MLkNAagy1
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 13, 2021
बघेल ने कहा, “मुझे एक बात बताइए. महात्मा गांधी उस समय कहां वर्धा में थे और ये (वीर सावरकर) कहां सेल्युलर जेल में थे. इनका संपर्क कैसे हो सकता है. जेल में रहकर ही उन्होंने दया याचिका मांगी और एक बार नहीं आधा दर्जन बार उन्होंने मांगी. एक बात और है सावरकर ने माफी मांगने के बाद वह पूरी जिंदगी अंग्रेजों के साथ रहे. उसके खिलाफ एक शब्द नहीं बोले, बल्कि जो अंग्रेजों का एजेंडा है ‘फूट डालो राज करो’ उस एजेंडे पर काम करते रहे.”
मुख्यमंत्री ने कहा, ”वर्ष 1925 में जेल से बाहर आने के बाद ‘दो राष्ट्र’ की जो बात है उसे सबसे पहले सावरकर ने ही की थी. यह जो पाकिस्तान और हिंदुस्तान की बात है उसे सावरकर ने 1925 में कही थी. देश के विभाजन का प्रस्तावना सावरकर ने दी और उसके बाद मुस्लिम लीग ने 1937 में एक प्रस्ताव पारित किया. दोनों जो सांप्रदायिक ताकत है उन्होंने देश के 1947 में बंटवारे की पृष्ठभूमि तैयार की.” बता दें कि ये बहस उस समय शुरू हुई थी जब सावरकर को लेकर हुई एक बुक लान्च पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वीर सावरकर इस देश के महानायक थे, है और रहेंगे.
[ad_2]
Source link