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NSG कमांडो ने दिखाया कैसे करते हैं आतंकी मंसूबों को नेस्तनाबूद

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NSG Raising Day: नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) आज यानी शनिवार को अपने स्थापना दिवस की 37वीं वर्षगांठ मना रहा है. हरियाणा के मानेसर में एनएसजी कैंप में आयोजित रेजिंग डे समारोह में एनएसजी के शौर्य और साहस की झलक देखने को मिली. इस मौके पर एक स्कूल परिसर में आतंकी हमले की मॉक ड्रिल दिखाते हुए प्रदर्शित किया कि कैसे एनएसजी कमांडो इस परिस्थिति से निपटते हैं. हेली बोर्न ऑपेरशन के जरिए आसमान से कमांडो फिसलते हुए परिसर में दाखिल होते हैं और आतंकियों को मार गिराकर बंदियों को मुक्त करा लेते हैं. एनएसजी की K9 टीम को इस प्रदर्शन में शामिल किया गया है. K9 नेशनल सिक्योरिटी गार्ड का डॉग स्क्वायड है, जो ब्लैक कैट कमांडो की तरह दुश्मन पर हमले करने के लिए प्रशिक्षित हैं. 

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के 37वें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल हुए. गृह राज्य मंत्री ने कहा, “जैसा बहादुरी और निपुणता का प्रदर्शन आज एनएसजी ने दिया है उससे मैं दावे से कह सकता हूं कि देश का विश्वास और मजबूत हुआ है. एनएसजी के उन वीर जवानों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया. पूरा देश आप पर गर्व करता है. सबका आपमें विश्वास है. 37 सालों में जो भी काम एनएसजी को दिया गया उसे उन्होंने पूरी निष्ठा से निभाया है.”

देश की सुरक्षा और आतंकियों से निपटने में एनएसजी के विशेष महत्व के बारे में बात करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत बनाने में एनएसजी बढ़-चढ़कर काम कर रहा है. पहली बार एक सुरक्षा नीति देश में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बनी है, एनएसजी उसका सबसे बड़ा हिस्सा है. देश की विदेश नीति में देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा की नीति का भी एनएसजी अहम हिस्सा है. एनएसजी की गिनती विश्व की जानी मानी काउंटर टेररिस्ट फोर्स में की जाती है. एनएसजी ने विश्व स्तरीय इंडोर शूटिंग रेंज स्थापित किए हैं. एनएसजी के बम निरोधक दस्ते के कार्य निष्पादन पर हमें बहुत गर्व है. एनएसजी कम से कम समय में कठिन चुनौतियों का सामना करने की काबिलियत रखती है. एनएसजी जब तक है तब तक इस देश की सुरक्षा और शांति पर आंच नहीं आने देगा.”

एनएसजी के महानिदेशक एमए गणपति ने कहा, “एनएसजी तकनीकी रूप से हर चुनौती से निपटने में सक्षम है. खासकर ड्रोन हमलों से निपटने के लिए तकनीक को विकसित किया गया है. हालांकि, ड्रोन वॉरफेयर से निपटने के लिए सभी सुरक्षा बलों को खुद को तैयार करना चाहिए. एनएसजी किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए थ्रेट असेसमेंट करता रहता है, लेकिन खतरा आतंकवाद को लेकर है और हमें आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए.”

 

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