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चीन को जवाब देने के लिए सुरक्षाबलों के पास आया ये हथियार, जानिए इसकी ताकत

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Trishul Weapon: चीनी सेना ने पिछले साल (2020) जून में गलवान घाटी(Galwan valley clash) में भारतीय सैनिकों (Indian Army) के साथ झड़प में लाठी, टेसर का इस्तेमाल किया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. चीन की इन हरकतों से निपटने के लिए भारत के पास भी अब गैर-घातक हथियार आ गए हैं. ये हथियार भगवान शिव के त्रिशूल(Trishul) जैसे पारंपरिक भारतीय हथियार हैं. इन हथियारों को नोएडा स्थिति स्टार्टअप कंपनी अपेस्टरॉन प्राइवेट लिमिटेट ने बनाया है.

कंपनी ने कहा कि गलवान घाटी संघर्ष के तुरंत बाद भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा उन्हें चीनियों से निपटने में सक्षम होने के लिए उपकरण प्रदान करने का काम सौंपा गया था.  उन्होंने उन्हें गैर-घातक हथियारों के रूप में तैयार किया है. ये हथियार भगवान शिव के ‘त्रिशूल’ जैसे पारंपरिक भारतीय हथियार है. अपेस्टरॉन प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (CTO) मोहित कुमार ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि  चीन ने जब हमारे सैनिकों के खिलाफ गलवान संघर्ष में तार की छड़ें और टेसर का इस्तेमाल किया था तब हमें भारतीय सुरक्षाबलों के लिए गैर-घातक उपकरण विकसित करने के लिए कहा गया था. हम तैनाती के दौरान अपने सैनिकों को पारंपरिक हथियार दे सकते हैं. मोहित कुमार ने कहा कि हमने भारतीय सुरक्षाबलों के लिए अपने पारंपरिक हथियारों से प्रेरित ऐसे ही टेसर और गैर-घातक उपकरण विकसित किए हैं.

इन कामों के लिए हो सकता है त्रिशूल का इस्तेमाल

मोहित कुमार ने अपने विभिन्न उपकरणों का प्रदर्शन करते कहा कि वज्र नाम से स्पाइक्स के साथ एक मेटल रोड टेसर विकसित किया गया है. इसका इस्तेमाल दुश्मन सैनिकों पर आक्रामक रूप से हमला करने के लिए, हाथ से मुकाबला करने के साथ-साथ उनके बुलेट प्रूफ वाहनों को पंचर करने के लिए भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वज्र में स्पाइक्स भी होते हैं, जो अनुमेय सीमा के तहत करंट को डिस्चार्ज करते हैं. ये दुश्मन के सैनिक को आमने-सामने की लड़ाई के दौरान अप्रभावी बना सकते हैं.

मोहित कुमार ने त्रिशूल का प्रदर्शन किया. इसका उपयोग दुश्मनों के वाहनों को रोकने के साथ-साथ रिस्ट्रिक्टेड एरिया में प्रवेश करने की कोशिश को रोकने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि टेसिंग उपकरण से आने वाली सबसे अच्छी प्रतिक्रिया पर ‘सैपर पंच’ कहा जाता है, जिसे सर्दियों के सुरक्षा दस्ताने की तरह पहना जा सकता है.  इसका इस्तेमाल हमलावर दुश्मन सैनिकों को करेंट डिस्चार्ज के साथ एक या दो झटका देने के लिए किया जा सकता है.

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