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Zomato कस्टमेयर केयर ने दी ग्राहक को हिंदी भाषा सीखने की सलाह, सोशल मीडिया पर घिरा जोमैटो

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Zomato controversy: ऑनलाइन ऐप के जरिए खाना बुक कर उसे घर तक डिलिवर करने वाली कंपनी Zomato एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई है. इस बार खाने के एक ऑर्डर के वायरल होने पर हुए विवाद में जोमैटो ने आज एक एजेंट को बर्खास्त कर दिया. दरअसल तमिलनाडु के एक ग्राहक ने जब ऑर्डर नहीं आने पर रिफंड की डिमांड की तो जोमैटो कस्टमर केयर की ओर से उन्हें ‘हिंदी सीखने’ के लिए कहा गया था.

हिंदी भाषा जानने को लेकर हुआ विवाद

जिसके बाद ग्राहक ने इसका स्क्रीनशॉट लेकर सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर जोमैटो को टैग करते हुए इसकी शिकायत कर दी. वहीं थोड़ी ही देर में सोशल साइट्स पर हैशटैग Reject_Zomato की बाढ़ सी आ गई. जिसके बाद जोमैटो ने कार्रवाई करते हुए एक एजेंट को बर्खास्त कर दिया है.

बता दें कि ट्विटर पर चेन्नई के एक यूजर @Vikash67456607 ने जोमैटो पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने द्वारा ऑर्डर किए गए भोजन में से एक की डिलिवरी नहीं होने पर कस्टमर केयर से शिकायत की थी. वहीं हिंदी भाषा की जानकारी नहीं होने पर उन्हें झूठा करार दिया गया. इसके अलावा जब उन्होंने रिफंड मांगा तो उन्हें “हिंदी सीखने” के लिए कहा गया था. 

खाने की डिलिवरी नहीं होने पर ग्राहक ने की थी शिकायत

विकास ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘ज़ोमैटो में खाना ऑर्डर किया लेकिन एक की डिलिवरी नहीं हुई. कस्टमर केयर का कहना है कि पैसे वापस नहीं किए जा सकते क्योंकि मुझे हिंदी नहीं आती. उसने मुझे कहा कि एक भारतीय होने के नाते मुझे हिंदी जाननी चाहिए. इसके साथ ही उसने मुझे झूठा कहा क्योंकि वह तमिल नहीं जानता था.’

जोमैटो ने जारी किया बयान

इसके बाद जोमैटो ने अंग्रेजी और तमिल दोनों में एक बयान जारी कर कहा कि ‘हमें अपने कस्टमर केयर एजेंट के व्यवहार पर काफी खेद है. हमने अपने एजेंट को उसकी लापरवाही के लिए बर्खास्त कर दिया है. बर्खास्त किए जाने का प्रॉसेस कंपनी प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है. एजेंट का व्यवहार स्पष्ट रूप से संवेदनशीलता के सिद्धांतों के खिलाफ था जिसे हम अपने एजेंटों को प्रशिक्षित करते हैं.’

फिलहाल इस प्रकरण ने राजनीतिक रूप ले लिया है. DMK नेता कनिमोझी ने विवाद को गंभीरता से लेते हुए जोमैटो से इस प्रकरण पर जवाब की मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘तमिलियों को यह जानने की जरूरत नहीं है कि भारतीय कौन है. ग्राहक के लिए हिंदी/अंग्रेजी जानना जरूरी नहीं है. कस्टमर केयर के लिए राज्य की भाषा में बोलना अनिवार्य होना चाहिए.’

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