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100 करोड़ वैक्सीनेशन पर abp न्यूज से डॉ. वीके पॉल ने की बात, जानें बूस्टर डोज को लेकर क्या कहा?

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Dr VK Paul on 100 crore Vaccine Doses: देश में कोरोना वैक्सीनेशन के 100 करोड़ खुराक दिए जाने का लक्ष्य हासिल किए जाने पर नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, “आज का दिन हर देशवासी की मशक्कत और उनको बधाई देने का दिन है. देश में जो आज 100 करोड़ का आंकड़ा पार हुआ है, उसके लिए हर देशवासी को गर्व है. ये बहुत बड़ी उपलब्धि है. 9 महीने के शॉर्ट पीरियड में 100 करोड़ डोज लगी है. 75 फीसदी व्यस्क पहली डोज ले चुके हैं और दूसरी डोज 31 फीसदी से ज्यादा व्यक्ति को मिल चुकी है. अभी मिशन पूरा नहीं हुआ है, लेकिन ये जो उपलब्धि आई है ये हमें सुनिश्चित करता है कि हम बड़ा काम भी कर सकते हैं और भरोसा दिलाता है कि आगे चलते हुए हम इस महामारी को वैक्सीनेशन प्रोग्राम से हरा कर दिखाएंगे. ये देश ने संकल्प लिया है और आज बहुत हद तक उसकी प्राप्त हुई है.”

दिसंबर में टारगेट पूरा हो पाएगा?

सत प्रतिशत लोगों को वैक्सीनेट करने का टारगेट दिसंबर तक पूरा हो पाएगा? इस पर डॉ. पॉल ने कहा, “इस काम में जो तेजी पिछले दो महीनों में आई है ये सबको पता है. आज अगर हम देखें वैक्सीन की उपलब्धता की तो कोई दिक्कत नहीं है. जब दिन शुरू होता है, तो हम पूछते हैं कि राज्यों के पास ओपनिंग बैलेंस क्या है. आजकल 10 करोड़ वैक्सीन हर सुबह उपलब्ध होती है. वैक्सीन की उपलब्धा की सिचुएशन बहुत सुधरी है. वैक्सीन देने में अब बिल्कुल दिक्कत नहीं है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन की प्रोडक्शन बहुत बढ़ गई है. भारत बायोटेक अब कोवैक्सीन की 5 करोड़ डोज देने में सक्षम है. अब हमारे लिए चुनौती ये है कि जो अभी वैक्सीन नहीं लगा सके हैं. हम उनको इस कार्यक्रम के साथ जोड़ें. मैं चाहूंगा कि अब हम सब इस मुहिम में लग जाएं. हमारे 24 प्रतिशत व्यस्क अभी ऐसे हैं जो इस कार्यक्रम से नहीं जुड़े हैं. हमें अब हर गली, गांव और हर नुक्कड़ में जाना है और देखना है कि कौन इससे छूट गया है. हमें किसी को पीछे नहीं छोड़ना है, ये हमारा संकल्प है. 

मंजूरी मिली तीन और वैक्सीन पर क्या बोले वीके पॉल?

कोवीशिल्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी तीन वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन बाकी और तीन वैक्सीन की मंजूरी इमरजेंसी यूज की मिली है, वो क्यों नहीं आ पाई है? इस पर डॉ पॉल ने कहा, “भारत का जो डीएनए वैक्सीन है उसको प्रोग्राम में लाने की तैयारी चल रही है. जैसा कि पता है कि ये वैक्सीन तीन डोज की वैक्सीन है. ये वैक्सीन इंजेक्शन से नहीं, बल्कि एक स्पेशल एंप्लीकेटर से लगती है. वैसे तो आसान है लेकिन उन सिस्टम की जानकारी हमारे हेल्थ सिस्टम में नहीं है, तो उसकी ट्रेनिंग बड़ी जोरों पर है. इसके अलावा ये एक स्पेशल वैक्सीन है और 12 साल से ऊपर तक के लोगों को लग सकती है, तो टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप से पूछा है कि इस वैक्सीन का सबसे अच्छा इस्तेमाल हमारे देश में क्या हो सकता है, वो गाइडेंस भी आने वाली है. तैयारी पूरी चल रही है. इसका प्रावधान किया जा रहा है. ये वैक्सीन जल्द जुड़ जाएगी. दूसरे जो दो वैक्सीन है, वे बाहर की बनी वैक्सीन है. इसका प्रावधान इसलिए किया गया है कि अगर जरूरत हो तो हम इसका इस्तेमाल अपने देश में कर सकेंगे. इन वैक्सीन की अपनी कुछ सीमाएं हैं. वो सारी वैक्सीन अपनी कुछ शर्तों के साथ देश में उपलब्ध होते हैं.” 

डब्ल्यूएचओ से कोवैक्सीन को मंजूरी कब?

कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी सितंबर में मिलनी थी, लेकिन अक्टूबर आ गया. इस पर उन्होंने कहा, “मंजूरी यूएनए की एक ऑर्गेनाइजेशन देता है, जो अंतरराष्ट्रीय मान्य है. दूसरी बात ये है कि भारत बायोटेक ने डेटा भी दिया है, पब्लिक इंफॉर्मेशन भी दी है, प्रोसेस की भी जानकारी दी है, हमें उम्मीद है कि ये जानकारी का आदान-प्रदान पूरा हो गया है. फाइनल फैसला 26 तारीख की मीटिंग में आना चाहिए. मीटिंग का हम इंतेजार करेंगे. हम डब्ल्यूएचओ से अपील भी करेंगे कि ये फैसला जल्दी करें, लेकिन हमें उनकी प्रक्रिया के ऊपर आस्था रखनी चाहिए और उसका आदर करना चाहिए.”

बूस्टर डोज पर क्या बोले डॉ. पॉल? 

बूस्टर डोज को लेकर डॉ. पॉल ने कहा, “बूस्टर डोज का मामला एक दो तरह से देखना चाहिए. पहली बात कि वैक्सीन दर वैक्सीन साइंस की जानकारी चाहिए कि इम्युनिटी कब कितनी लो हो जाती है और फिर बूस्टर डोज मदद कितनी करता है. ये फैसला अपनी वैक्सीन और बहुतों की वैक्सीन का साइंस की दृष्टि से नहीं हुआ है और डब्ल्यूएचओ भी कोई यूनिवर्सल बूस्टर डोज देने की सिफारिश नहीं करता है. कुछ देशों ने बूस्टर डोज देना शुरू किया है, लेकिन वहां विवाद है. वहां भी कंसेंसस अभी पूरी तरह नहीं बनी. भारत सरकार और टेक्निकल टीम की इस पर पूरी तरह नजर है. हालांकि, बूस्टर से पहले सुरक्षा चक्र है, जिसके लिए हर किसी को वैक्सीनेट किया जाना जरूरी है.”

यहां देखें पूरा इंटरव्यू

 

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