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बांग्लादेश: हिंदू समुदाय पर क्रूर हमलों के खिलाफ आज होगा 150 देशों में विरोध प्रदर्शन

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बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हुए क्रूर हमलों के खिलाफ 23 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. 23 अक्टूबर को लगभग 150 देशों के सभी इस्कॉन केंद्रों में बांग्लादेश में पीड़ितों के लिए विरोध और प्रार्थना सभाओं का एक पूरा दिन मनाया जाएगा. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि बांग्लादेशियों की तस्वीरें दुनिया भर के भक्तों के लिए बहुत दुखद हैं.

150 देशों में विरोध प्रदर्शन करेगा ISKCON

उन्होंने आगे कहा कि ‘न्यूयॉर्क, मॉस्को, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं. मुंबई, बैंगलोर में भी विरोध प्रदर्शन होगा, लेकिन 23 अक्टूबर को, 150 देशों के सभी इस्कॉन मंदिरों और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों में, श्रद्धालु बांग्लादेश की घटना के खिलाफ अपनी संवेदना और विरोध प्रदर्शन करेंगे.’

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दुर्घटना में छोटे बच्चों सहित कई लोगों की मौत हो गई है, उन्होंने उनकी आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की और यह भी कहा कि इस कारण से एक प्रार्थना सभा होगी. उन्होंने कहा कि ‘बांग्लादेश के प्रधानमंत्री ने कुछ कदम उठाए. प्रभावित क्षेत्रों के सभी पुलिस आयुक्तों का तबादला कर दिया गया है . आखिरी कार, संयुक्त राष्ट्र ने 3 दिनों के बाद हमारे पत्र का जवाब दिया. कल शाम, बांग्लादेश हिंसा की भी संयुक्त राष्ट्र ने निंदा की.’

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है और यूएन के महासचिव को भी इस घटना की निंदा करते हुए बयान जारी करना चाहिए. ऑस्ट्रेलिया की हिंदू परिषद ने बांग्लादेश में क्रूर हमलों की निंदा करते हुए और बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए एक समाचार पत्र जारी किया.

17 हिंदू मंदिरों पर हुआ हमला

न्यूजलेटर ने 15 अक्टूबर के द न्यू यॉर्क टाइम्स में इसका उल्लेख है, जिसने इसे ‘स्पाइन चिलिंग’ वाली कहानी कहा है. बांग्लादेश नेशनल हिंदू महाजोत के महासचिव गोबिंद चंद्र प्रमाणिक ने कहा कि कम से कम 17 हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया था और मूर्तियों को भी तोड़ा गया था, इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि सौ से अधिक लोग घायल हुए थे.

समाचार पत्र में आगे यह उल्लेख किया गया है कि मरने वालों की संख्या चार से सात के बीच है और 17 हिंदू मंदिरों पर हमला एक सुनियोजित हमला है. हालांकि इस मामले में बांग्लादेश के गृह मंत्री ने भी हमले को ‘पूर्व नियोजित’ बताया, जिसका उद्देश्य देश में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करना था.

बीते कई सालों से हो रहे हमले

न्यूजलेटर ने यह भी कहा है कि यह एक अकेला हमला नहीं है बल्कि पिछले कई वर्षों में इस तरह के हमलों की एक श्रृंखला का हिस्सा है. समाचार पत्र में कहा गया है कि ‘यह हमला राजनीतिक नहीं है बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है. राजनीतिक मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है लेकिन एक धर्म पर दूसरे धर्म के हमलों का मकसद गहरा और गहरा होता है.’

महागठबंधन के महासचिव गोविंद चंद्र प्रमाणिक ने पहले इस घटना को राजनीतिक मुद्दों का परिणाम बताते हुए एक नया मोड़ दिया था. प्रमाणिक ने कहा कि “उस क्षेत्र के लोगों ने कहा है कि सांसद और मेयर के बीच झड़प हुई थी और यह घटना उनके बीच हुई झड़प के कारण हुई.”

न्यूजलेटर ने कुछ सोच की विचारधारा को हमले का मुख्य कारण बताया है. समाचार पत्र में कहा गया है कि “किसी भी धर्म के लोगों के खिलाफ जानबूझकर और योजनाबद्ध तरीके से हिंसा करना. जाति और विश्वास अमानवीय है. सभ्य दुनिया को इस बर्बर सोच के प्रति जागना चाहिए और समाधान खोजना चाहिए.”

बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग

“शोक संतप्त परिवारों और घायलों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हुए ऑस्ट्रेलिया की हिंदू परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए सुरक्षा की मांग की है और बांग्लादेश सरकार से इस शातिर अपराध के दोषियों को पकड़ने और उन पर मुकदमा चलाने को कहा है.“

उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार इन हमलों को तुरंत रोकने के लिए सख्त कानून लाए. न्यूज़लेटर के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई सरकार और मानवाधिकार आयोग भी बांग्लादेश के निर्दोष पीड़ितों को इस तरह के बर्बर हमलों से बचाकर इन वर्षों में जारी इन घटनाओं को गंभीरता से लेगा. भारत में अलग-अलग जगहों पर विरोध भी देखने को मिल रहा है. इस्कॉन कोलकाता को ‘भजन’ गाते और कोलकाता में बांग्लादेश उप उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन करते देखा गया.

कोलकाता में निकलेगा जुलूस

इसके अलावा, कोलकाता में बड़ाबाजार, तारासुंदरी पार्क और एल्गिन रोड गुरुद्वारा, विश्व हिंदू परिषद द्वारा विरोध जुलूस निकाले जाएंगे. सभी जुलूस एक साथ धर्मतला में मिलेंगे और फिर उच्चायोग और बांग्लादेश के राज्यपाल के उद्देश्य के लिए एक अधिसूचना देंगे.

साथ ही शनिवार को कोलकाता के हिंदू जागरण मंच के सदस्यों को बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर हमले के विरोध में कैंडल लाइट रैली निकालते हुए देखा गया. बंगाल ही नहीं दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इस्कॉन दिल्ली सहित स्थानीय लोगों को बांग्लादेश में हुए हमले के विरोध में मौन मोमबत्ती की रोशनी में प्रदर्शन करते देखा गया.

बांग्लादेश के चटगांव में ISKCON में हुआ हमला

कट्टरपंथी इस्लामवादियों की उन्मादी भीड़ ने बांग्लादेश के चटगांव डिवीजन के नोआखली जिले में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) मंदिर पर हमला किया संस्थापक, एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की मूर्ति के साथ-साथ अन्य मूर्तियों को भी हमले के दौरान जला दिया गया था और हिंदू भक्त पार्थ दास का शरीर भी मंदिर के बगल में एक तालाब के पास पाया गया था.

बांग्लादेश से दुर्गा पूजा पंडालों और मूर्तियों पर तोड़फोड़ की कई घटनाएं भी सामने आई हैं. ये घटनाएं कोमिल्ला जिले, कॉक्स बाजार और नोआखली में सामने आई थीं. खैर, सोशल मीडिया पर कोमिल्ला में एक विशेष पूजा स्थल पर कुरान का अपमान करने वाले कुछ पोस्ट के प्रसार के बाद हिंसा शुरू हो गई थी.

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