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मुंबई में शुरू हुई ई- विक्टोरिया गाड़ी, जानें इसका इतिहास

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Mumbai News: मुंबई में पुराने दिनों की याद दिलाने वाली विक्टोरिया गाड़ी फिर से शुरु हो रही है. लेकिन यह विक्टोरिया गाड़ी अब घोड़े से नही बल्कि बैटरी से चलेगी. मार्च के महीने मे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने E-Victoria गाड़ी को हरी झंडी दिखाई थी. इस गाड़ी को यूबीओ राइड ने बनाया है वहीं खाकी टूर्स कंपनी विक्टोरिया गाड़ी से पर्यटकों को साउथ मुंबई की सैर कराएगी. इस विक्टोरिया गाड़ी की यात्रा CST में स्थित कालाघोड़ा से शुरू होगी और यहाँ से निकल कर आपको फ़ोर्ट इलाके में बनी ब्रिटिश काल के हेरिटेज इमारतें दिखाएगी. इसके बाद मरीन ड्राईव CSMT स्टेशन, BMC इमारत दिखाते हुए आपको वापस कालाघोड़ा ले जायेगी . इस पूरी खुबसूरत यात्रा को पूरा करने मे आपको महज 40-50 मिनट का समय लगेगा.

क्या है विक्टोरिया गाड़ी का इतिहास?

साउथ मुंबई की खूबसूरती विश्व भर में प्रसिद्ध है जिसे देखने के लिए कई देशों से पर्यटक आते है. साल 2015 के पहले तक किसी विदेशी पर्यटक के लिए साउथ बॉम्बे का सफर तब तक अधूरा होता था जब तक वो विक्टोरिया गाड़ी से यात्रा नही कर लेता था. लेकिन इस यात्रा को पूर्ण विराम तब लगा जब पेटा (PETA) ने साल 2012 में विक्टोरिया गाड़ी पर घोड़ों के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जताई और इसको लेकर आवाज़ बॉम्बे हाइकोर्ट में याचिका दायर कर की. लगभग 3 साल की लंबी लडाई के बाद मुंबई हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए विक्टोरिया गाड़ी पर घोड़ों का इस्तमाल करने पर रोक लगाई. जिसके बाद से विक्टोरिया गाड़ी मुंबई की सड़कों पर चलना बंद हो गई थी.

क्या है ई- विक्टोरिया गाड़ी की खासियत?

अगले हप्ते से मुंबई की सड़कों पर फिर से E-Victoria गाड़ी दौड़ेगी, इस गाड़ी को बनाते समय हेरिटेज लुक का इस्तेमाल किया गया है जिसे देख कर आपको लगेगा कि यह किसी राजा की सवारी है जिसे आपने सिर्फ फिल्मों मे देखा होगा.

इसी नायाब गाड़ी को बनाने वाले यूबीओ राइड के संस्थापक केतन कदम ने ABP न्यूज़ को बताया कि यह गाड़ी बैटरी से चलेगी जो की पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और एक बार पूरी तरह से चार्ज करने पर यह 60 से 70 किलोमीटर तक बिना रुके जा सकती है. आप को बता दें कि इसकी बैटरी को एक बार फूल चार्ज करने के लिए इसे 8 घंटों का समय लगेगा. वहीं जैसे पहले घोड़ों के पैरों में घुंघरू पहनाया जाता था और जब वो चलते थे घुंघरू की छन छन आवाज़ सुनाई देती थी इसी अनुभव को बरकरार रखने के लिए इस विक्टोरिया गाड़ी के टायरों में घुंघरू लगाए गए हैं. इस गाड़ी में ब्रिटिश लैंप के साथ मुसिक सिस्टम भी लगाया गया है, जिसमे 4 लोगों के बैठने की क्षमता है.

क्या है शुल्क इस ई- विक्टोरिया गाड़ी का?

ई- विक्टोरिया को चलाने वाली खाकी कंपनी के संस्थापक भारत गोठोस्कर ने एबीपी न्यूज़ को बताया की इस 40 से 50 मिनट के सफ़र के लिए आपको 3000 रुपए खर्च करने पड़ेंगे. खास बात यह है कि इस गाड़ी को चलाने के लिए उन्हीं घोड़ा गाड़ी चालकों को काम पर रखा गया है. 

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