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Air Pollution In Delhi-NCR: देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता में और गिरावट आई है. दिल्ली के कई इलाकों में शुक्रवार को हवा खराब श्रेणी में पहुंच गई. पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में पराली जलाने की वजह राजधानी की हवा खराब हो रही है. दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच गई है, जो कि इस मौसम में अब तक का सबसे ज्यादा है. सफर के मुताबिक, दिल्ली के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में गुरुवार को पराली जलाने की 1,112 घटनाएं दर्ज की गईं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली का गत 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 268 अंक पर रहा. इस स्तर की हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है. वहीं, राजधानी से सटे फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 289, गाजियाबाद में 321, ग्रेटर नोएडा में 284, गुरुग्राम में 262 और नोएडा में 282 एक्यूआई दर्ज किया गया.
गौरतलब है कि शून्य और 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है. श्रेणीवार प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) की उप समिति ने गुरुवार को दिल्ली और एनसीआर राज्य के अधिकारियों को डीजल से चलने वाले जेनरेटरों को बंद करने और बस व मेट्रो ट्रेन सेवा के फेरों में बढ़ोतरी करने का निर्देश दिया है.
मौसम विभाग के डॉ.वीके सोनी ने समिति को सूचित किया कि उत्तर पश्चिमी हवाओं का रुख 01 नवंबर की सुबह तक ऐसा ही रहेगा और इसकी वजह से वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में जा सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली का न्यूनतम तापमान 14 से 15 डिग्री तक गिर सकता है, जिससे हवा में नमी बढ़ेगी और यह स्थिति प्रदूषकों के फैलने के अनुकूल नहीं होती. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर उप समिति ने एनसीआर के राज्यों को हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी होने के दौरान उठाए जाने वाले कदमों के अलावा ‘बहुत खराब’ श्रेणी के लिए निर्धारित कदमों के लिए भी निर्देश दिया है.