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PM Modi at Kedarnath: पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ धाम पहुंचे, जहां उन्होंने 130 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्धाटन किया. पीएम ने इस दौरान लोगों को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा, आप सभी आदि शंकराचार्य की समाधि के उद्धाटन के साक्षी हैं. उनके भक्त यहां उत्साह के साथ मौजूद हैं. देश के सभी मठ और ज्योतिर्लिंग आज हमारे साथ जुड़े हैं. पीएम मोदी ने कहा कि केदारनाथ आते ही यहां के कण-कण से जुड़ जाता हूं. उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का दृश्य अद्भुत था. उस समाधि के आगे बैठना दिव्य अनुभूति है. आइए आपको बताते हैं पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें.
1. पीएम मोदी ने कहा, आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं.
2. पीएम ने कहा, हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है. रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से ये भाव दोहराया गया है. रामचरित मानस में कहा गया है-‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’.यानी कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता. बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है.
#WATCH Prime Minister Narendra Modi performs ‘aarti’ at Kedarnath temple in Uttarakhand pic.twitter.com/V6Xx7VzjY4
— ANI (@ANI) November 5, 2021
3. पीएम मोदी ने कहा, बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था. जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा. इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं.
4. पीएम मोदी ने आगे कहा, मैं दिल्ली में अपने दफ्तर से लगातार केदारनाथ में विकास कार्यों का जायजा लेता रहता था. ड्रोन फुटेज के जरिए मैंने विकास कार्यों की समीक्षा की.
शैल सुन्दर अति हिमालय, शुभ मन्दिर सुन्दरम ।
निकट मन्दाकिनी सरस्वती, जय केदार नमाम्यहम ।।प्रधानमंत्री श्री @narendramodi केदारनाथ में भगवान केदार का रुद्राभिषेक कर रहे हैं। pic.twitter.com/NZt0HV5FnT
— BJP (@BJP4India) November 5, 2021
5. पीएम मोदी ने कहा, शंकर का संस्कृत में अर्थ है- “शं करोति सः शंकरः” यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है.
इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया. उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे.
6. एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था.
लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ, समग्र नजरिए में देखता है. आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया.
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