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तमिलनाडु में बारिश और बाढ़ ने 2015 के जख्मों को फिर से कुरेदा

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Tamil Nadu Flood: तमिलनाडु में हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने 2015 के उन जख्मों को फिर से कुरेद दिया है, जो उस वक्त भारी बारिश और बाढ़ में दिखे थे. लेकिन सवाल यह कि समंदर तट पर बसा यह शहर आखिर भारी बारिश से पानी में क्यों डूब जाता है? आखिर क्यों यहां पानी के निकलने की व्यवस्था नहीं दिखाई देती है. आखिर क्यों ड्राविडियन हार्ट लैंड में सभी सरकारें इस मुद्दे को सुलझाने में असफल साबित हुई है. कई कारण है जिसकी वजह से आज तमिलनाडु के शहर भारी बारिश के बाद अस्तव्यस्त हो जाते हैं.

6 साल में क्या बदला?

तमिलनाडु में ताजा हालातों को देखें तो यह साफ पता चलता है कि जिस तरह 6 साल बाद भी कुछ नहीं बदला उसी तरह अगले 10 साल तक भी ये हालत बदलते दिखाई नहीं दे रहे हैं. इसकी मुख्य वजह है करप्शन जिसने शहर भर में इंक्रोचमेंट यानी अतिक्रमण को बढ़ावा दिया. कई खामियों की वजह से आज चेन्नई मौत के मंजर पर खड़ा है. बीते सालों में कई शहरों ने आकार में काफी ग्रोथ किया है. चेन्नई सिटी अब ग्रेटर चेन्नई तक फैल चुकी है. जिसके कारण कई वेटलैंड को ड्राई लैंड बनाकर वहां लोग बस चुके है. ये इलाके लो लाइंग एरिया बन चुके हैं. यानी जिन वेट लैंड यानी लेक से पानी समंदर में जाना था वह अब रुक चुका है. 

अतिक्रमण से पानी जाने का रास्ता बंद

शहर में वेट लैंड यानि लेक से पानी जाने का रास्ता नहीं है वजह ये कि इन वेटलैंड पर या तो बड़ी बड़ी बिल्डिंग बन चुकी है या अतिक्रमण कर लोग झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे हैं. नदी नालों के आस पास अब लोगों का अतिक्रमण इस हद तक बढ़ गया है कि पानी को जाने का कोई रास्ता नहीं है. एक्सपर्ट्स मानते है कि दशकों पहले हाल ऐसे नहीं थे. तब शहर को इस तरह बसाया गया था कि भारी बारिश के बावजूद पानी सीधे समंदर में जाए.

वाटर ड्रेनेज सिस्टम खराब

आज किसी भी सरकार के लिए इन लोगो को खाली कराना मुश्किल हो गया है. ना ही कोई यह कदम उठाएगा. सवाल आखिर उनके वोटबैंक का जो है. अडयार रिवर, पल्लीकरणै लेक इसकी गवाही देते हैं. शहर की कई गलियां और रोड इस तरह बनाए गए हैं कि वहां वाटर ड्रेनेज सिस्टम बहुत ही खराब है. चेन्नई शहर ने ऐसी बाढ़ अब तक 1943, 2005, 2010, 2013, 2015 और अब 2021 में देखी है. बावजूद इसके सरकार इससे निजात पाने में असफल हुई है. चेन्नई में करीब 33% वेटलैंड गायब हो चुके है. जिसकी जिम्मेदार शायद दोनों ही सरकारें रही है.

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