राष्ट्रीय

कृषि कानून वापस लेने पर शरद पवार का मोदी सरकार पर तंज

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Farm Laws Repeal: पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के फैसले का स्वागत किया है.  शरद पवार ने भी इसे किसानों की जीत करार दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हर हालात में किसान आंदोलन में डटे रहे. और उसी का नतीजा हुआ कि सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा है. उन्होंने किसानों का अभिनंदन करते हुए कहा कि एक साल तक शांतिपूर्वक आंदोलन करना आसान काम नहीं है. शरद पवार ने कहा कि जब चुनाव को लेकर लोग बीजेपी नेताओं से इस मुद्दे पर सवाल पूछने लगे तो ये कानून वापस ले लिया गया.

शरद पवार ने किया किसानों को सलाम

सरकार की ओर से सभी तीनों कानून वापस लिए जाने के फैसले पर शरद पवार ने किसानों सलाम करते हुए कहा कि ये किसान आंदोलन की वजह से ही संभव हो पाया. कानून में बदलाव के निर्णय मंत्रिमंडल में लेना जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि कृषि विषय राज्य सरकार से अधिक संबंधित है इसलिए राज्य सरकारों को विश्वास में लेना जरूरी था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. शरद पवार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास कृषि मंत्री के तौर पर इस कानून का विषय आया था. इस पर पार्लियामेंट में बहस होनी चाहिए थी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि  बिना चर्चा के कानून ना हो इसलिए हमने ये कानून उस वक्त पारित नही किया था. सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के बाद ही हम कानून लाने वाले थे लेकिन हमारी सरकार चली गई. शरद पवार ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को पारित करते वक्त इस प्रक्रिया का पालन नही किया. संसद में भी हंगामे के बीच बिल पास किए गए. उन्होंने कहा कि किसान देश का आत्मा है. उसके बारे में निर्णय करना हो तो उससे जुड़े सभी विषयों पर चर्चा होना जरूरी था. लेकिन वैसा नहीं हुआ. इसलिए देशभर में इस कानून को विरोध शुरू हुआ. 

”हर हालात में किसान डटे रहे

एनसीपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि हर हालात में किसान आंदोलन में डटे रहे. कृषि कानूनों के विरोध में पश्चिम उतर प्रदेश का कुछ हिस्सा, राजस्थान और पंजाब के किसान बड़े पैमाने में सड़क पर उतरे. उन्होंने कहा कि आनेवाले यूपी और पंजाब के चुनावों में बीजेपी नेताओं को गांवो मे लोग सवाल पूछने लगे इसलिए ये निर्णय लिया गया है. शरद पवार ने कहा कि जो हुआ वो अच्छा हुआ. लेकिन एक साल किसानों को संघर्ष करना पड़ा वो टाला जा सकता था.

UP Election 2022: यूपी चुनाव को लेकर बीजेपी के प्रभारियों को अस्थाई ठिकाना बनाने के निर्देश, जानें कौन कहां से संभालेंगे कमान

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button