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आंध्र प्रदेश: बारिश से मची तबाही पर विपक्ष का सीएम जगनमोहन रेड्डी पर निशाना, जानें क्या कहा

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Andhra Pradesh Rains: पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से आंध्र प्रदेश के कई जिलों में नदी, नहर सब कुछ ऊफान पर हैं. सभी जलाशय भर गए हैं. चित्तूर, कड़पा, नेल्लूर, अंतनपुर जिलों के कई इलाकों में भयानक बाढ़ से बुरा हाल बना हुआ है. जनजीवन पटरी पर से उतर गई है.

मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था और जिलों के कलेक्टर से चर्चा किया. तिरुपति में तिरुमला पहाड़ियों में स्थित भगवान बालाजी मंदिर तक जाने वाली दो घाट सड़कों को तीन दिन बंद करना पड़ा था, कई जगह भूस्खलन हुई थी. अलीपीरी से तिरुमला को जाने वाली सीढ़ियों की मार्ग को भूस्खलन व बाढ़ से बड़ा नुकसान पहुंचा है और उसे बंद कर दिया गया. मगर जमीनी बात करें तो नजारा बहुत भयानक दिखाई दे रहा है. मुख्यमंत्री तो आसमान से दौरा करके चले गए मगर जिनका सब कुछ बर्बाद हो गया वो करें तो क्या करें? नेल्लूर जिले के कई क्षेत्रों में राज्य के मंत्रियों और सत्तारूढ़ विधायकों को लोगों का विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी और मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी हवाई दौरा कर के चुप हो गए तो विपक्ष को मौका मिल गया. प्रधान विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को कड़पा जिले का दौरा किया था. इसी जिले में बांध टूट जाने से राजामपेट क्षेत्र में भयानक बाढ़ रूपी सैलाब आ गया था. नायडू ने लोगों के घर जा जाकर उनसे मुलाकात की उनका दर्द जाना और उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को 5 हजार रुपये और मृतकों के परिजनों को 1 लाख रुपये देने की घोषणा की.

चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि जगनमोहन रेड्डी की सरकार पूरी तरह नाकाम रही. उनकी सरकार ने अन्नामैय्या बांध का सही मेन्टेनेन्स नहीं किया. अगर कोई खराबी थी तो समय पर मरम्मत नहीं किया गया. अगर बांध में पानी भर गया तो पहले से पानी क्यों नहीं छोड़ा गया? उनकी नाकामी की वजह इतनी जाने गई, इतने घर बर्बाद हुई. अभी सरकार को इनकी देखभाल की पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी.

बारिश और बाढ़ से मची तबाही

बता दें, इन जिलों के कई गांव, शहर बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. लोगों के मकान डूब गए, कई लोग पानी की तेज बहाव में बह गए, कई लोगों की मौत हो गई, कई पशु भी बह गए, भारी मात्रा में जान माल का नुकसान हुआ है. कितने परिवार सड़क पर आ गए हैं, उनकी घर, कपड़े, सोने गहने, रुपये, सर्टिफिकेट सब कुछ बर्बाद हो चुके हैं. सरकारी अधिकारी और एनडीआरएफ की टीम बाढ़ में फंसे लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर ले आयी है.

अब धीरे-धीरे शुरू हो रही ट्रेनें

कई इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्ग नदी जैसे दिख रहे थे, कई इलाकों राष्ट्रीय राजमार्ग कटकर बह गई थी तो कहीं नदी पर बनी पुल ही टूट कर बह गई. जहां तहां लोग फंस गए थे. गाड़ियों की लंबी लंबी कतारें दिखी, कई शहरों के बीच की आवाजाही ठप्प हो गई. कई इलाकों में रेलवे लाइन के ऊपर से पानी बहता दिखा तो कहीं रेलवे लाइन के नीचे की मिट्टी बहा कर ले गई थी. सड़क मार्ग और रेल मार्ग दोनों बुरी तरह ठप्प हो गई. रेलवे विभाग ने कई ट्रेनें रद्द कर दी गई, रेल लाइन के मरम्मत के बाद अभी धीरे-धीरे ट्रेनें शुरू की जा रही है.

19 तारीख को हुई सबसे ज्यादा बारिश

आंध्र प्रदेश में भारी वर्षा होने से भयंकर तबाही हुई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 19 तारीख को सबसे ज्यादा औसतन 35.4 मिमी की बारिश हुई, जिसमें चारों जिलों में सबसे ज्यादा, चित्तूर में 107.3 मिमी, कड़पा में 96.4 मिमी, अनंतपुर में 76.9 मिमी, नेल्लूर में 52.6 मिमी बारिश हुई. सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्षाजनित घटनाओं में शनिवार तक चार जिलों में 25 लोगों की मौत हो गई. सबसे ज्यादा कड़पा जिले में 13 लोगों की मौत हुई और 17 लोग लापता बताए जा रहे हैं. सबसे ज्यादा कड़पा में 11 लोग लापता, (बांध टूट जाने से अचानक आई बाढ़ में राज्य परिवहन की तीन बसें फंस गई थी और 12 को बचाया नहीं जा सका). जबकि लोगों की सुने तो सरकारी आंकड़ा बहुत कम है.

कई नदियों और जलाशयों की ऊफान में आई भयानक बाढ़ की वजह से कई लोग के बाढ़ में फंस गए थे. वायुसेना, एनडीआरएफ और अग्निशामक सेवाओं के कर्मियों ने आकस्मिक बाढ़ में फंसे कई लोगों को बचाया. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 4 शहर और 1366 बाढ़ की चपेट में आए हैं, 23 गांव डूब गए थे. भारी बारिश और बाढ़ से 36,279 लोग प्रभावित हुए हैं. 2007 मकानों को नुकसान पहुंचा है 1131 मकान डूब गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी से फोन पर बात की और स्थिति के बारे में जानकारी ली एवं राज्य को सभी सहायता पहुंचाने का वादा किया.

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