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भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन का पहला रियल वर्ल्ड डेटा सामने आया जो मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपा है. इस स्टडी में पाया गया की कोवैक्सीन की एफिकेसि 50% है. ये रियल वर्ल्ड स्टडी दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुई थी और इसको करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक ये उस वक़्त की गई थी जब दूसरी लहर अपने पीक पर थी और केस पॉजिटिविटी काफी ज्यादा थी. इस स्टडी में करीब 2700 मेडिकल स्टाफ को शामिल किया गया था जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी. ऐसे
एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के हेड डॉक्टर नवित विग के मुताबिक ये स्टडी अप्रैल और मई में हुई थी और इसे तीन हिस्से में बांटा गया था, वैक्सीन लगने के 10 दिन बाद, 20 दिन बाद और 30 दिन बाद. इस दौरान इस वैक्सीन की एफिकेसि 50 फीसदी के करीब पाई गई. लेकिन जैसे जैसे वैक्सीन लगने के बाद दिन बढ़ते है वैक्सीन की एफिकेसि बढ़ती जाती है.
डॉ विग के मुताबिक वैक्सीन पर हुई ये स्टडी उस वक़्त हुई जब केस पॉजिटिविटी यानी संक्रमण की दर काफी ज्यादा थी. उनके मुताबिक दिल्ली में उस वक़्त केस पॉजिटिविटी 34% थी जबकि अस्पतालों में 60% से ज्यादा थी क्योंकि मरीज थे वहां. ऐसे में जब संक्रमण दर ज्यादा थी ये एफिकेसि काफी अच्छी है और वैक्सीन कारगर है.
अपनी स्टडी के बारें में एबीपी न्यूज़ से खास बात की एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के एचओडी डॉ नवित विग ने.
आपकी जो स्टडी है उसमें आपने क्या पाया और क्या है ये स्टडी?
हमें 50 या 75 नहीं जाना चाहिए, सारी वैक्सिंग क्या होती हैं. सारी वैक्सीन की प्रक्रिया दो चीजों पर निर्भर करती हैं इस पेस पर हम वैक्सीनेट कर रहे हैं लोगों को किस तरीके साथ लोगों को टीका लगा रहे हैं और कितनी कवरेज है. यह स्टडी कब हुई थी जब हमारे हेल्थ केयर वर्कर्स अस्पताल में पॉजिटिव हो रहे हैं, कुछ लोगों वैक्सीन मिली है कुछ नहीं नहीं ली है और उस समय पॉजिटिविटी रेट दिल्ली में 35 फीसदी थी और एम्स में उस समय एम्स में 67% था. 15 अप्रैल से 15 मई के बीच स्टडी हुई और इस स्टडी को हमने तीन भागों में बांटा था पहले 10 दिन दूसरे 10 दिन और तीसरे 10 दिन, तो हमने दूसरा यह पाया जिन्होंने वैक्सीन ली है दूसरे डोज की 14 दिन के बाद 28 दिन के बाद और 42 दिन के बाद तो ले सिंप्टोमेटिक इंफेक्शन को प्रिवेंट करेगी या नहीं करेगी, तो हम इसके पूरे पर्सपेक्टिव को देखना है. अगर 10 दिन का देखें तो पहले 10 दिन जब आपका पॉजिटिविटी रेट 60% था हमारे इंस्टीट्यूट में और दिल्ली में 35 फ़ीसदी था और आखिरी 10 दिन में ये वेव कम हुई तो जब ये तूफान कम हुआ तो टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 17 फीसदी हो गई. 64 से 17% हम तीस दिन में आ गए थे. तो इतनी तेजी से अटैक हो रहा था कोविड का. ये स्टडी हमारे रेसिडेंट ने की जो उस वक़्त आईसीयू में काम कर रहे थे अलग अलग जगह पर काम कर रहे थे. तो ये स्टडी की और हमने देखा कि पहले 10 दिन एफिकेसि 53% थी और आखरी 10 दिन में जब नंबर कम हुए तो एफिकेसि 75% थी. तो हमे इसको पूरे प्रोस्पेक्टिव में देखना होगा और वैक्सीन की डोज अगर दो हफ्ते के बाद एफिकेसि हमारी 50% आ रही है तो 42 दिन बाद 57% आ रही है. तो हमे देखना की इंफेक्टिविटी कितनी है, उस समय इंफेक्टिविटी तूफान था अब 10 हज़ार से कम केस रिपोर्ट हो रहे है लेकिन उस वक़्त साढे चार लाख मरीज आ रहे थे. तो आज की तारीख में हम सबको वैक्सीनेट करेंगे और जितनी जल्दी दो डोज करेंगे उतना ज्यादा इफेक्टिव होगा.
इस स्टडी को आप किस तरह से एनालिसिस करते है, लोगों घबराने की जरूरत नहीं है?
वैक्सीन इफेक्टिव है भारत मे दस हज़ार केस आ रहे है. लेकिन आप दूसरे देशों में देखो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, नेदथेरलैंड, जर्मनी वहां दो दो वैक्सीन लगने के बाद अस्पताल में भर्ती है. सबसे कहूंगा कि वैक्सीन लगवाए और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करें, भीड़ से बचना होगा इसे रोकना होगा.
वैक्सीन इफेक्टिव है?
कोवैक्सीन हो या कोविशील्ड हो दोनो बहुत इफेक्टिव है चाहे आप मोडर्ना देख लो उसका भी 56% है. आप 50% बात कर रहे तो डेल्टा वैरिएंट हाई था तो एक स्टडी में 56% पाया गया है. ये जो 50,60 या 80 फीसदी की बातें हो रही है ये स्टडी अलग अलग परिस्थितियां में हुई है. अगर ये स्टडी में आज की तारीख में करूं तो इसकी एफेक्टिविटी 90% भी मिल सकती है लेकिन हमने उस वक़्त की जब हमारे हेल्थ केयर वर्कर हो रहे थे.
50% को अच्छा मान सकते है?
50 फीसदी तो दुनिया मानती है, WHO मानता है सब मानते है की 50% है दुनिया मानती है की वैक्सीन तो बहुत अच्छी है लेकिन किस circumstances में की गई. जब पॉजिटिविटी रेट कम आ गया हमारा तब 75% एफिकेसि है. जब टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 67% था तब एफिकेसि 50 फीसदी थी अगले 20 दिन के बाद टेस्ट पॉजिटिविटी रेट अस्पताल में काम करने वालों कम आ गया तो उसकी एफिकेसि बढ़ गई. इसलिये सब लोग वैक्सीन ले. डरने की जरूरत नहीं है वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव है, ये आपको गंभीरता से बचाएगी. 50% ज्यादा होता है उस वक़्त.
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