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Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के भोपाल में मिंटो हॉल का नाम अब बदल जाएगा. मिंटो हॉल का नाम बदलकर बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर रखा जाएगा. मिंटो हॉल का नया नाम अब कुशाभाऊ ठाकरे हॉल होगा. भोपाल में बीजेपी राज्य समिति की बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये एलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे पार्टी के लिए हमेशा समर्पित रहे और उन्होंने पार्टी को कई बड़े नेता दिए.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र में भाग लेने के बाद ट्वीट किया, ”असंख्य युवाओं को संस्कारित कर उन्हें राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित व्यक्तित्व बनाने वाले, बीजेपी को बीज से वटवृक्ष बनाने वाले श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जी के नाम पर अब भोपाल का मिंटो हॉल जाना जाएगा.”
असंख्य युवाओं को संस्कारित कर उन्हें राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित व्यक्तित्व बनाने वाले, भाजपा को बीज से वटवृक्ष बनाने वाले श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जी के नाम पर अब भोपाल का मिंटो हॉल जाना जायेगा।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र में भाग लिया। https://t.co/tf718CnzJa https://t.co/12ytyGR5wD pic.twitter.com/e6RzrLV4Rl
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 26, 2021
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम भी बदला
मध्य प्रदेश में नाम बदलने की बात कोई नई नहीं है. इससे पहले भोपाल में स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया था. रानी कमलापति भोपाल की आखिरी हिंदू रानी थीं. उन्हें देश की महान वीरांगनाओं में से माना जाता है. रानी कमलापति के नाम पर भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रखने का फैसले के पीछे रानी की वीरता और पराक्रम को ही आधार बनाया गया.
मिंटो हॉल का इतिहास
दरअसल 1909 में नवाब कालीन मिंटो हॉल को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो के नाम पर चौथी बेगम सुल्तान जहां ने बनवाया था. उस वक्त इस इमारत की लागत तीन लाख रुपए की आई थी. बताया ये भी जाता है कि लॉर्ड मिंटो ने तब की लाल कोठी के सामने इस बिल्डिंग की आधारशिला ही रखी थी. वो कभी यहां ठहरने नहीं आ सके. इस इमारत के बनने के बाद इस दर्शनीय भवन का उपयोग कभी दरबार हॉल तो कभी हमिदिया कॉलेज तो कभी विधानसभा के तौर पर किया जाता रहा. भोपाल में नई विधानसभा बनने के बाद से तो यहां फिल्मों और सीरियल की शूटिंग भी होती रही है. मगर पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने इसे पैसा खर्च कर कन्वेंशन सेंटर के रूप में विकसित किया.
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