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दिल्ली में ट्रेड फेयर का समापन, बिहार के हाथ लगी बड़ी उपलब्धि

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India International Trade Fair 2021: दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंटरनैशनल ट्रेड फेयर (India International Trade Fair 2021) का शनिवार को समापन हो गया. बिहार (Bihar) पवेलियन को गोल्ड मेडल मिला. हॉल नंबर 3 में लगे हुनर हाट को मिनिस्ट्री और पब्लिक सेक्टर यूनिट कैटेगरी में सिल्वर मेडल मिला.

बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन (Syed Shahnawaz Hussain) ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हर मोर्चे पर बिहार आगे बढ़ रहा है. बिहार के हस्तशिल्पियों और बुनकरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये बहुत बड़ा सम्मान मिला है. 

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में राज्य के पारंपरिक उद्योगों से लेकर हर तरह के उद्योगों का सर्वांगीण विकास हो रहा है. देश के कई राज्यों और दूसरे देशों की भी प्रदर्शनी के बीच गोल्ड हासिल कर नंबर वन बनना बिहार के लिए बड़ी बात है. ये सभी राज्यवासियों के लिए गौरव का विषय है. बिहार उद्योग में भी नंबर वन बनेगा 

24 राज्यों और विदेशों की लगी थी प्रदर्शनी

40वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 24 राज्यों की प्रदर्शनी लगी थी. यहां कुछ प्रदर्शनी विदेशों से भी थे. बिहार की तरफ से ये पुरस्कार रेजिडेंट कमिश्नर पलका साहनी और उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक सिन्हा को दिया गया. बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के हस्तशिल्पियों और बुनकरों द्वारा बनाई गई चीजें कारीगरी, सौंदर्य और गुणवत्ता में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है. इसीलिए देश विदेश के लोंगों को खूब पसंद आई. यह सम्मान से ग्रामीण इलाकों में पूरी निष्ठा से, मेहनत और लगन से पारंपरिक हुनर, लोक कला संस्कृति को आगे बढ़ाने में जुटे हस्तशिल्पियों और बुनकरों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिला है. वे अब और तेजी से आगे बढ़ेंगे।

14 से 27 नवंबर तक चला फेयर

दिल्ली में 14 नंवबर से 27 नंवबर तक चलने वाले 40वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार ने अपने पैवेलियन को 41 स्टॉल्स से सजाए, जिसमें बिहार के पारंपरिक लोक कला संस्कृति की झलक पेश करने वाले बेहतरीन उत्पाद देखने में मिले. बिहार पवेलियन में सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी की मधुबनी पेंटिंग आकर्षण का केंद्र रहीं. साथ ही बिहार के अन्य हिस्सों में बनने वाली लोक कलाकृतियां और बिहार के पारंपरिक उद्योगों से निर्मित चीजें लोगों को खूब पंसद आई.

पर्यावरण अनुकूल चीजों का हुआ इस्तेमाल

बिहार पवेलियन की सबसे बड़ी खासियत रही कि यहां पर्यावरण अनुकूल चीज़ों का इस्तेमाल किया गया, जिसने इसे अन्य राज्यों के पैवेलियन से अलग बनाया. जहां एक ओर मधुबनी पेंटिंग, मंजुषा पेंटिंग तो दूसरी ओर बिहार की पहचान भागलपुरी सिल्क की साड़ी व  सूट, मटका सिल्क साड़ी व सूट, भागलपुरी चादर, एप्लिक वर्क समेत हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के बेहतरीन उत्पाद में लोगों ने दिलचस्पी दिखाई.

विक्रम चक्रवर्ती को मिला राज्य पुरस्कार

बिहार पवेलियन में हैंडिक्राफ्ट और आर्टिफिशियल जूलरी देखने को मिली तो राज्य पुरस्कार से सम्मानित विक्रम चक्रवर्ती सिल्क का शॉल लेकर आए थे. उन्हें इस शॉल के लिए ही राज्य पुरस्कार मिला है. बिहार पवेलियन में पटना के ‘जूटेक’ द्वारा निर्मित जूट के बने उत्पाद दिखे तो मोहम्मद जाहिद लेदर के समान लेकर आए. प्रगति मैदान में आयोजित मेले में बिहार के लोगों की आस्था से जुड़ी चीजें और विशिष्ट खान पान की भी झलक दिखीं। संजय गुप्ता ठेकुआ, गुड़ के लड्डू, कचरी-तिलौरी आदि लेकर आए थे.

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