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जानें, कैसे खतरनाक डेल्टा वेरिएंट की चुनौतियों के बीच कोविड-19 का ओमिक्रोन वेरिएंट है गुड न्यूज

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New Covid-19 Variant: कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से दुनियाभर में दहशत है. इसकी वजह से एक बार फिर लॉकडाउन और यात्रा पर बैन की बुरी खबर सामने आ रही है. इस बीच रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका से सामने आए ओमिक्रोन के मामले में काफी हल्के लक्षण दिखे. अगर यह रिपोर्ट सच है तो जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह तेजी से फैलता है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह डेल्टा की तुलना में कम खतरनाक है.

कोरोना के संदिग्ध नए वेरिएंट को बताने वाले डॉक्टरों में एक दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर ने रविवार को कहा कि ओमिक्रोन वेरिएंट के लक्षण इतने हल्के थे कि उसका घर पर इलाज किया जा सकता था. एक प्राइवेट प्रैक्टिशनर और साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. एंगेलिक कोएटजी ने 18 नवंबर को रॉयटर्स से बात करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा नोटिस किया कि डेल्ट वेरिएंट से अलग लक्षण वाले मरीज में बिल्कुल हल्के लक्षण थे. कोएटजी ने कहा कि उनमें से ज्यादातर मरीजों में देखने में हल्के लक्षण लग रहे थे और उनमें से किसी को भी सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी. उन्होंने आगे कहा कि हम उनका घर पर ही इलाज करते रहे.

गौरतरलब है कि दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के एक नये स्वरूप की पहचान की और उसे देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रांत, गोतेंग में हाल में संक्रमण के मामले बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया है. यह अस्पष्ट है कि नया स्वरूप पहली बार कहां सामने आया, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने हाल के दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसे लेकर सतर्क किया और अब इसके मामले ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, नीदरलैंड सहित कई देशों में भी सामने आ रहे हैं.

डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को, इसे ‘‘चिंताजनक स्वरूप’’ बताया और इसे ‘ओमीक्रोन’ नाम दिया. दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि यह स्वरूप पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में हुई ‘‘बेतहाशा वृद्धि’’ के लिए जिम्मेदार है. देश में हाल के हफ्तों में हर दिन करीब 200 नये मामले सामने आने के बाद, दक्षिण अफ्रीका में शनिवार को 3,200 से अधिक नये मामले सामने आए. इनमें से अधिकांश गोतेंग में सामने आए.

संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि को समझा पाने में संघर्ष कर रहे वैज्ञानिकों ने वायरस के नमूनों का अध्ययन किया और नये स्वरूप की खोज की. अब, ‘क्वाजुलु-नताल रिसर्च इनोवेशन एवं सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म’ की निदेशक तुलिया डी ओलिवेरा के मुताबिक गोतेंग में 90 प्रतिशत से अधिक मामले इसी स्वरूप के हैं. उन्होंने ऐसा महसूस किया कि यह वेरिएंट ऐसे लोगों को निशाना बना रहा है जो 40 या उससे कम आयु के हैं. उन्होंने जिन ओमिक्रोन के लक्षण वाले लोगों का इलाज किया उनमें से आधे लोगों का वैक्सीनेशन नहीं किया गया था. एक या दो लोगों में ज्यादा गंभीर शिकायत देखने को मिली थी. उनमें सिरदर्द और शरीर में दर्द देखने को मिला था.

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