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नईदिल्ली, देशभर में कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा कर रखी हुई है। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बता दें कि पिछले 24 घंटे में 1543 नए मामले सामने आए हैं और 62 लोगों की मौत हो गई है, जो अब तक सर्वाधिक है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 29,435 हो गई है, जिसमें 21,632 सक्रिय हैं, 6,869 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 934 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां कोरोना संक्रमण कुछ इस तरह फैला है कि एक माह में ही 96 नए कंटेनमेंट जोन बन गए। दिल्ली में पहला कंटेनमेंट जोन 26 मार्च को बनाया गया था। खास बात ये है कि कंटेनमेंट जोन में भी लगातार कोरोना के मामले आ रहे हैं। वहीं, दिल्ली के सभी जिले कोरोना की चपेट में आ गए हैं।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अभी तक कुल 2918 संक्रमित मरीज हैं। इनमें से 877 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 5 मार्च को आया था। इस हिसाब से करीब 90 फीसदी संक्रमित बढ़ गए हैं। पिछले एक सप्ताह में औसतन रोजाना 100 नए मामले आ रहे हैं।
13 और 26 अप्रैल को नए मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। 13 अप्रैल को एक ही दिन में 356 और 26 अप्रैल को 293 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। अब तक 37,613 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 2918 संक्रमित पाए गए हैं। 2533 लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। राजधानी में प्रत्येक 10 लाख पर 1862 लोगों की जांच हो रही है।
वहीं, कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए इलाकों में भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। जहांगीरपुरी इसका बड़ा उदाहरण है। इस इलाके में कोरोना के तीसरे चरण में पहुंचने की आशंका है। कंटेनमेंट जोन घोषित करने के बाद भी जहांगीरपुरी के एच ब्लॉक की तीन गलियों में 47 मामले आए थे। चांदनी महल इलाके में भी लगातार नए मामले आ रहे हैं। यहां पुलिसकर्मियों को भी वायरस ने चपेट में लेना शुरू कर दिया है।
बताते चलें कि दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में उससे पहले वाले सप्ताह से कम मामले आए हैं और ज्यादा लोग ठीक होकर घर गए हैं। संक्रमण शुरू होने के बाद सातवें सप्ताह में 850 मामले आए थे। 8वें सप्ताह में 625 मामले आए और 580 लोग ठीक होकर अपने घर गए हैं। इससे अंदाजा लगता है कि संक्रमितों की संख्या में कुछ गिरावट आई है और ठीक होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
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