राष्ट्रीय

क्या देश में DAP और NPK जैसे खादों की है किल्लत? उर्वरक मंत्री ने दिया जवाब

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Fertilizer Shortage: देश के अलग-अलग हिस्सों में यूरिया और डीएपी समेत सभी खाद उर्वरकों (Fertilizer) की कमी महसूस की जा रही है. रोजाना खाद के लिए किसानों को हो रही दिक्कत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. हालांकि सरकार ऐसा नहीं मानती है कि देश में खाद की कोई किल्लत है और उनका कहना है कि रबी बुवाई मौसम के लिए मांग के मुताबिक खाद की आपूर्ति की जा रही है.

3 दिसम्बर को लोकसभा में रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया (Fertilizer Minister Mansukh Mandaviya) ने BJP सांसद रीता बहुगुणा जोशी के एक सवाल का जो लिखित जवाब दिया है उसमें कहा गया है कि देश में खाद की कोई कमी नहीं है. वहीं लिखित जवाब में 29 नवम्बर तक के आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं.  

दरअसल एक अक्टूबर से शुरू हुए रबी बुवाई सीजन में 29 नवम्बर तक जहां यूरिया (Urea) की मांग 75.65 लाख मीट्रिक टन थी, वहीं इसकी उपलब्धता 92.21 लाख मीट्रिक टन रही. इसमें से 50 लाख मीट्रिक टन की बिक्री की गई और राज्यों के पास करीब 41 लाख टन यूरिया की उपलब्धता थी.

डीएपी की मांग 29 नवम्बर तक 34.65 लाख मीट्रिक टन

रबी की बुवाई में सबसे अहम खाद यानी डीएपी ( DAP) की मांग 29 नवम्बर तक 34.65 लाख मीट्रिक टन थी जबकि उपलब्धता 36.60 लाख मीट्रिक टन थी. इसी तरह अन्य खादों की उपलब्धता मांग से ज़्यादा रही है. हालांकि 3 दिसंबर को ही लोकसभा में पूछे गए एक दूसरे सवाल के जवाब में सरकार ने ये जरूर माना कि बुवाई सीजन के दौरान कुछ राज्यों ने DAP खाद की कमी की बात बताई थी लेकिन वो कुछ जिलों तक सीमित थी.  

सीजन की शुरुआत पहले होने से बढ़ी DAP खाद की मांग

सरकार का कहना है कि हर बुवाई सीजन ( रबी और खरीफ ) के पहले कृषि मंत्रालय सभी राज्यों के साथ विचार विमर्श कर राज्यवार और महिनावार खाद की ज़रूरत का आकलन करता है. इस आकलन के आधार पर ही रसायन और उर्वरक मंत्रालय सभी राज्यों के लिए खाद आवंटित करता है और उसके हिसाब से एक मासिक आपूर्ति योजना राज्यों को दे दी जाती है. वैसे सरकार के सूत्रों का ये भी कहना है कि जल्दी बारिश होने के चलते आम तौर पर अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होने वाले रबी बुवाई सीजन की शुरुआत थोड़ा पहले हो गई थी जिसके चलते DAP खाद की मांग अचानक बढ़ गई थी. उस वक्त पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों को विशेष तौर पर आपूर्ति बढ़ाई गई थी.

जरूरी कच्चे माल की कीमत कई गुना तक बढ़ गई है

सूत्रों का ये भी कहना है कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अलग-अलग खादों के लिए जरूरी कच्चे माल की क़ीमत कई गुना तक बढ़ गई है जिसके चलते शुरुआत में देश में इसकी कमी महसूस की गई थी लेकिन अब हालात पहले से काफ़ी बेहतर हो गए हैं । मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि राज्यों की मांग और आवश्यकता के मुताबिक़ रैकों की संख्या बढ़ाकर खाद जल्द से जल्द पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़ें: 

Stock Market Opening: 550 अंकों की जोरदार तेजी पर खुला सेंसेक्स, Nifty 17300 के ऊपर निकला

Petrol Diesel Price Today 8 December 2021: चेक करें पेट्रोल-डीजल के नए रेट्स, जानें राहत मिली या नहीं

 

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button