राष्ट्रीय

Farmers Protest: आज खत्म हो सकता है किसान आंदोलन, दोपहर 12 बजे के बाद ऐलान संभव

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Farmers Protest May called off: करीब एक साल से भी लंबे वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान आज घर लौटने का ऐलान कर सकते हैं. किसानों और सरकार के बीच सहमति बन रही है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बुधवार को कहा कि उनकी लंबित मांगों को लेकर केंद्र के संशोधित मसौदा प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है और आंदोलन के लिए भविष्य की रणनीति तय करने को लेकर बृहस्पतिवार को बैठक होगी. यह बैठक दोपहर 12 बजे दिल्ली के सिंघु बॉर्डर होनी है. इसी बैठक के बाद किसानों के घर लौटने का ऐलान किया जा सकता है. एसकेएम के सूत्रों ने कहा कि नए मसौदा प्रस्ताव पर सरकार की तरफ से औपचारिक संदेश प्राप्त होते ही किसानों का आंदोलन तुरंत समाप्त कर दिया जाएगा.

किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस होंगे!
किसान नेता और एसकेएम कोर समिति के सदस्य गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि लंबित मांगों के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से पहले प्राप्त हुआ प्रस्ताव का मसौदा स्वीकार करने योग्य नहीं था, जिसके बाद केंद्र ने बुधवार को नये सिरे से प्रस्ताव का मसौदा भेजा है. एसकेएम के सूत्रों के अनुसार भेजे गए नए प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बनी समिति में सरकार एसकेएम के सदस्यों को शामिल करेगी और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने पर सहमत हो गई हैं. दिल्ली में किसानों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे.

12 बजे की बैठक में फैसला
एसकेएम कोर समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में चढूनी ने कहा, ‘‘अपनी मांगों को लेकर हम सरकार से सहमत हैं. कल (यानी आज) की बैठक के बाद हम आंदोलन को स्थगित करने पर फैसला लेंगे. आंदोलन वापस लेने के संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. एसकेएम की बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे और एक बैठक होगी.’’ एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार के ताजा प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है. अब सरकार के लेटरहेड पर औपचारिक संवाद का इंतजार है. एसकेएम की दोपहर 12 बजे फिर से सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी, उसके बाद मोर्चा उठाने के संबंध में औपचारिक फैसला लिया जाएगा.’’

सरकार ने मानी किसानों की मांगें
गौरतलब है कि एमएसपी पर कानूनी गारंटी, आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों और इस दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनके परिजन को मुआवजे की मांग सहित अपनी लंबित मांगों पर केंद्र के साथ वार्ता के लिए एसकेएम ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था. एसकेएम की पांच सदस्यीय समिति में शामिल युधवीर सिंह ने कहा, ‘‘अब गेंद सरकार के पाले में है और बृहस्पतिवार को अंतिम निर्णय किया जाएगा.’’ बता दें कि एसकेएम ने मंगलवार को सरकार के प्रस्ताव वाले कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके बाद बुधवार को केंद्र की ओर से नया मसौदा भेजा गया.

सरकार का नया प्रस्ताव स्पष्ट है
एसकेएम के सूत्रों ने कहा कि केंद्र द्वारा भेजे गए नए प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि राज्यों से एमएसपी पर फसलों की खरीद में कमी नहीं की जाएगी. एसकेएम के सूत्रों के अनुसार यह भी स्पष्ट किया गया है कि बिजली संशोधन विधेयक तब तक संसद में पेश नहीं किया जाएगा, जब तक कि किसानों को प्रभावित करने वाले प्रावधान पर सरकार एसकेएम के साथ चर्चा नहीं करती है. केंद्र ने किसानों को सूचित किया है कि पराली जलाने को पहले ही अपराधमुक्त कर दिया गया है. 

एक साल से जारी है आंदोलन
बता दें कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले वर्ष 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, संसद में 29 नवंबर को विधेयक पारित कर तीनों विवादास्पद कृषि कानून वापस ले लिए गए, जो प्रदर्शनकारी किसानों की मुख्य मांग थी, लेकिन गतिरोध बना रहा क्योंकि प्रदर्शनकारी एमएसपी पर कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को पूरा करने पर अड़े रहे.

ये भी पढ़ें: 

CDS Bipin Rawat Helicopter Crash: जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा IAF हेलीकॉप्टर कून्नूर में क्रैश, जानें कौन-कौन थे सवार

Bipin Rawat Helicopter Crash Photos: धूं-धूं कर जलता हेलीकॉप्टर, चारों तरफ अफरा-तफरी, देखें आर्मी चॉपर क्रैश की तस्वीरें-वीडियो

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button