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Bipin Rawat Helicopter Crash: तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को एक हेलिकॉप्टर हादसे में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सभी 13 शवों को दिल्ली लाया गया है. इस हादसे के बाद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. सभी 13 शवों को भारतीय वायु सेना के C-130J सुपर हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए से दिल्ली लाया गया है. पालम तकनीकी क्षेत्र में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य को कुछ देर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. वीवीआईपी पालम एयरपोर्ट पर पहुंचना शुरू हो गए हैं.
जनरल रावत, उनकी पत्नी और ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर सहित तीन शवों की पहचान कर ली गई. भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा था कि पॉजिटिव पहचान के बाद ही पार्थिव शरीर को परिजनों को सौंपा जाएगा. सकारात्मक रूप से पहचान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीबी रिश्तेदारों के परामर्श से सभी कर्मियों का उचित सैन्य संस्कार सुनिश्चित किया जाएगा.
भारतीय सेना ने बताया था कि साइंटिफिक तरीकों के अलावा सकारात्मक पहचान के लिए परिवार के करीबी सदस्यों की मदद ली जाएगी. भारतीय सेना ने ये भी कहा है कि हवाई दुर्घटना की गंभीरता के कारण शवों की पहचान में मुश्किल हुई है. प्रियजनों की संवेदनशीलता और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक पहचान के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं.
शव के दिल्ली पहुंचने से पहले तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के मद्रास रेजिमेंटल सेंटर से सुलूर एयरबेस तक एंबुलेंस से जनरल रावत और अन्य लोगों का पार्थिव शरीर लाया गया. जिन रास्तों से एंबुलेंस गुजरी, वहां सड़क के दोनों ओर लोगों का भारी हुजूम नजर आया. लोगों ने एंबुलेंस पर पुष्प वर्षा की और भारत माता की जय के नारे लगाए.
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