राष्ट्रीय

चार धाम रोड की चौड़ाई बढ़ाने को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

SC On Char Dham Roads: उत्तराखंड में चार धाम ऑल वेदर रोड को चौड़ा करने को सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दे दी है. कोर्ट ने माना है कि सरकार ने देश की रक्षा ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया है. कोर्ट ने परियोजना के दौरान पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं पर नज़र रखने के लिए पूर्व जस्टिस ए के सीकरी की अध्यक्षता में एक कमिटी के गठन किया है. यह कमिटी सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देगी.

चार धाम रोड की चौड़ाई बढ़ाने को SC की मंजूरी

चार धाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी जीत की तरह देखा जा रहा है. 2020 में इस परियोजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 5.5 मीटर चौड़ाई की अनुमति दी थी. लेकिन केंद्र ने इसे 10 मीटर तक रखने की अधिसूचना जारी कर दी. इस पर मंज़ूरी पाने के लिए उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया .सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा था कि सीमा के दूसरी तरफ चीन ने चौड़ी सड़कें बना रखी हैं. युद्ध की स्थिति में भारत को सेना को जल्द पहुंचाने के लिए चौड़ी सड़क की ज़रूरत है. 

ये भी पढ़ें: 

PM Modi Meeting: यूपी चुनाव पर मंथन, 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक, जानें पीएम मोदी के Kashi दौरे के दूसरे दिन का हाल

सुरक्षा कारणों से सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी

केंद्र ने यह भी कहा था कि सड़क चौड़ी न होने से ब्रह्मोस जैसी बड़ी मिसाइल की सीमा पर तैनाती असंभव होगी. मामले के मूल याचिकाकर्ता एनजीओ सिटीजंस फ़ॉर ग्रीन दून ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि सड़क को डबल लेन बनाना और 10 मीटर तक चौड़ा करना हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण को स्थायी नुकसान पहुंचाएगा. इस परियोजना के तहत उत्तराखंड के 4 पवित्र तीर्थ स्थानों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने वाली लगभग 900 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है. इसका बजट लगभग 12 हज़ार करोड़ रुपए का है. सामान्य नागरिकों को हर मौसम में यातायात की सुविधा देने के साथ ही यह प्रोजेक्ट रक्षा आवश्यकताओं के लिए भी बहुत अहम है.

सुनवाई के दौरान केंद्र ने यही दलील दी थी कि 1962 की लड़ाई में फौज और हथियार को सही समय पर सीमा तक न भेज पाना हार की बड़ी वजह रहा. अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने इन बातों को स्वीकार किया है. कोर्ट ने कहा है कि देश की रक्षा आवश्यकताओं के अनुसार जारी की गई केंद्र की अधिसूचना सही है. हालांकि, कोर्ट ने पर्यावरण को नुकसान को लेकर पहले गठित उच्चस्तरीय कमिटी की रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड पर लिया है. 

ये भी पढ़ें: 

Srinagar Bus Attack: जैश से जुड़े तीन आतंकियों ने किया था जवानों की बस पर हमला, पुलिस ने कहा- अभी भी पुलवामा के त्राल में छिपे

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button