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‘प्रशांत किशोर से बात कर लें’, इरफान के कार्टून में ममता को मनाने की तिगड़म लगा रही कांग्रेस

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Irfan Ka Cartoon: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सरकार समेत विपक्षी दल अपनी जीत हासिल करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं. बीजेपी चुनावी वादों के साथ योजनाओं पर फोक्स कर जनता को लुभाने का प्रयास कर रही है तो वहीं, कांग्रेस विपक्ष को एजुट कर सत्तारूढ़ सरकार को गिराने के प्रयास में लगी हुई है. हालांकि, ममता बर्नजी इस एकजुटता में भागीदारी बनते नहीं दिख रहीं. इसी को लेकर आज मशहूर कार्टूनिस्ट इरफान ने अपने कार्टून में इस पूरे मामले को दर्शाया है.

इरफान के कार्टून साफ शब्दों मे कहता है कि, सोनिया ने विपक्ष के साथ की मीटिंग में ममता को मनाने की बात की है. वहीं, शरद पवार सोनिया से पूछते दिखते हैं, क्यों ना प्रशांत किशोर से बात की जाए इस बारे में?

यूपीए अस्तित्व में ही नहीं है- ममता बर्नजी

दरअसल, पीएम उम्मीदवार बनने की दौड़ में लगी ममता विपक्ष की तमाम क्षेत्रीय पार्टियों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी हुई हैं. इसी मकसद से उन्होंने हाल ही में मुंबई में शरद पवार और शिवसेना सुप्रीमो व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एवं संजय राउत से मुलाकात की थी. उसके बाद ही ममता ने ये बयान दिया था कि अब यूपीए अस्तित्व में ही नहीं है.

वहीं, बीते दिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर मंगलवार को विपक्षी दलों के नेताओं की बड़ी बैठक हुई. समान सोच वाले विरोधी दल के नेता मौजूदा राजनीतिक स्तिथि पर चर्चा करने के लिए एक जगह जमा हुए थे. बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, नेशनल कान्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत, डीएमके सांसद टीआर बालू, मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल और राहुल गांधी जैसे नेता मौजूद रहे.

ममता को मनाना था असल बैठक का उदेश्य

माना जा रहा है कि इस बैठक का मुख्य मकसद यही था कि बेलगाम होती ममता बनर्जी पर लगाम कसने का फार्मूला क्या हो, ताकि विपक्षी एकता में बिखराव की दरार कहीं और गहरी न हो जाए. बताते हैं कि बैठक में सबकी राय जानने के बाद लुब्बेलुबाब यही निकला कि मौजूदा सियासी माहौल में ममता बनर्जी सिवाय एक वरिष्ठ नेता के किसी और की बात नहीं सुनने वाली हैं. लिहाजा तय किया गया कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ही ममता को समझाएंगे कि वे इस तरह के बयान देने से खुद को रोकें कि “अब यूपीए का कोई अस्तित्व ही नहीं रह गया है और यह भी कि कांग्रेस के बगैर भी विपक्षी एकता हो सकती है.”

हालांकि, इस बैठक में अन्य तमाम नेताओं ने शरद पवार को सलाह देते हुए कहा कि वो प्रशांत किशोर को इस मामले में शामिल कर ममता को मनाने का प्रयास किया जाए.

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