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दिल्ली की राह हुई आसान, Singhu और Ghazipur border से शुरू हुआ आवागमन

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Traffic Resumes At Ghazipur & Singhu Boarder: करीब 390 दिनों तक चले किसान आंदोलन की समाप्ति के बाद नेशनल हाईवे 24 पर गाजीपुर हाईवे और नेशनल हाईवे 44 पर सिंघु बॉर्डर से किसान करीब एक साल के बाद अपने अपने घरों की तरफ लौट चुके हैं. किसानों ने 9 दिसंबर को ही यह घोषणा कर दी थी कि वह 11 दिसंबर से बॉर्डर खाली करना शुरू कर देंगे और 15 दिसंबर को सभी बॉर्डर पूरी तरह से खाली हो जाएंगे. वादे के मुताबिक आज सुबह से ही दिल्ली के बॉर्डर से आवाजाही शुरू हो गई ,किसानों ने बॉर्डर को खाली कर दिया है और वाहन रफ्तार से गुजरते हुए दिखे. 

सिंघु बार्डर की तीन लेन पर छोटे वाहनों के आवागमन की इजाजत

सिंधु बॉर्डर से किसानों के जत्थे और तंबू भी हटा दिए गए हैं. वाहनों का आवागमन, तीन लेन पर शुरू हो गया है. शुरुआत में छोटे वाहनों को चलने की इजाजत है, मरम्मत पूरी होने तक बड़े वाहन यहां से नहीं गुजरेंगे. हाईवे पर मरम्मत की जरूरत दिख रही है. जगह जगह छोटी बड़ी कीले हैं ,सड़क पर लंबे समय से बने टेंट के चलते जगह जगह गड्ढे मौजूद हैं जिन्हे भरने की जरूरत है. 

ज्यादातर साइन बोर्ड पर या तो पोस्टर लगा है या फिर पेंट हट गया है जिस वजह से जानकारी प्राप्त करना मुश्किल नजर आ रहा है. लंबे समय से इस रास्ते पर बंद दुकानें खुली हुई हैं और सामान्य शहर के समान तस्वीरें नजर आ रही हैं. यह बताना मुश्किल है कि किसान आंदोलन का केंद्र यहीं था, जिसमे करीब 7 से 8 किलोमीटर लंबे रास्ते पर किसानों की बड़ी बड़ी टेंट, ट्रैक्टर, ट्रॉली लगे हुए थे.

पंजाब और हरियाणा से आए किसान यहां रह कर आंदोलन कर रहे थे और आखिरकार अपनी मांगों को मनवा कर वापस लौट गए हैं. हरियाणा की तरफ करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र में दो दिनों में सफाई से लेकर मिट्टी व पत्थर डालकर मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया था, लेकिन दिल्ली की ओर से सिंघु बॉर्डर पर बनीं कंक्रीट की दीवारों को हटाने में तीन दिन से भी ज्यादा समय लगा.

गाजीपुर बार्डर से भी दिल्ली आने वाला रास्ता खुल गया है

किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद गाज़ीपुर बॉर्डर से भी यूपी से दिल्ली आने वाला रास्ता खुल गया है, हालांकि हाईवे का आखिरी भाग दिल्ली और यूपी पुलिस ने अब भी बंद कर रखा है. यूपी पुलिस के बैरिकेड्स गाजीपुर बॉर्डर यानि एनएच-24 हाईवे पर अब भी लगे देखे जा सकते हैं, हालांकि इस सड़क पर किसान आंदोलन की समाप्ति के बाद किसानों की टोली या मंच अब मौजूद नहीं है.

अगर आप भी सड़क खुलने का इंतजार कर रहे थे तो आपके लिए अच्छी खबर है कि गाजीपुर बॉर्डर पर ट्रैफिक के लिए एक लेन खोल दी गई है. उत्तर प्रदेश के वैशाली, इंदिरापुरम या गाजीपुर मुर्गा मंडी की तरफ से घूमकर आने की जरूरत नहीं रही. वहीं सिंधु बॉर्डर पर भी सोनीपत, मुरथल, पंजाब जाने का रास्ता आसान हो गया है और लोगों के लिए दिल्ली से आवागमन करना आसान हो गया है. 

सड़क खुलने से लोगों ने ली राहत की सांस

इसी तरह से दिल्ली के अन्य बॉर्डरों को भी खोला जा रहा है, ताकि यात्रियों को आसानी हो. दूसरे राज्यों खासकर एनसीआर से दिल्ली में आने वाले यात्रियों को किसानों के आंदोलन के चलते बंद सड़कों की वजह से भारी परेशानी और जाम का सामना करना पड़ता था. अब सड़कें खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली है.

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