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ABP News C-Voter Survey: एक तरफ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मौसम का पारा गिरता जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर राज्य में सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है. राज्य विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की सरगर्मियां भी तेज होती जा रही हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ता ही जा रहा है. सभी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की कोशिश है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर अपने दल की सरकार बनवाई जाए. इसी क्रम में सभी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की कोशिश है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा वोटरों को अपने पक्ष में वोट के लिए प्रेरित किया जाए.
इसी क्रम में वोटरों के मन-मिजाज को टटोलने के लिए एबीपी न्यूज और C-वोटर ने मिलकर एक सर्वे किया. इस सर्वे के जरिए एबीपी न्यूज और C-वोटर ने मिलकर जानने की कोशिश की है कि प्रदेश में वोटरों का क्या रुख है. सर्वे में विकास कार्यों के अलावा पार्टियों के विस्तार और संघर्ष को लेकर भी सवाल पूछे गए.
ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानि एआईएमआईएम को लेकर सवाल पूछे गए. इस सर्वे में पूछा गया कि प्रदेश में होने वाले चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी पार्टी विस्तार के लिए संघर्ष कर रहे हैं या मुस्लिमों की भलाई के लिए?
सर्वे में पूछे गए इस सवाल में लोगों ने अपनी राय रखी. अधिकांश लोगों ने अपने जवाब में बताया कि ओवैसी पार्टी विस्तार के लिए यूपी चुनाव में उतर रहे हैं. सर्वे के आंकड़ों की माने तो करीब 75 प्रतिशत लोगों ने माना कि राज्य में वह पार्टी विस्तार के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं 25 फीसदी लोगों ने बताया कि वह मुस्लिमों की भलाई के लिए यूपी चुनाव में उतर रहे हैं.
बता दें कि बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी. बिहार चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद ओवैसी पश्चिम बंगाल में भी चुनाव लड़ चुके हैं ऐसे में अब उनकी नजर यूपी की राजनीति पर है जहां वह चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. चुनावी मैदान में उतरने के लिए एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने कमर भी कस ली है.
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