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Omicron के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने तेज की तैयारियां, CM केजरीवाल ने की समीक्षा बैठक

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नई दिल्ली: ओमिक्रोन (Omicron ) के बढ़ते मामलों को देखते हुए गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. ओमिक्रोन के खतरे से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और इसने अपनी तैयारियां तेज़ कर दी है. बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कोरोना के इस नए खतरे से निपटने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक राजधानी दिल्ली में लगभग 37 हजार कोविड बेड और 10,594 कोविड आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं. वहीं अगर संक्रमण फैलता है तो सरकार ने दो हफ्ते के अंदर दिल्ली के हर वार्ड में 100 ऑक्सीजन बेड लगाने की योजना बनाई है. ऐसे में दिल्ली सरकार की योजना 65 हजार बेड तैयार करने की है, ताकि किसी को बेड की कमी न हो. बेड के अलावा पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता है ताकि किसी भी स्थिति में दवाओं की कमी न हो. मरीजों के इलाज में जरूरी 32 तरह की दवाओं का बफर स्टॉक दो महीने के लिए सुनिश्चित किया गया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दवाओं की उपलब्धता पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि टेस्टिंग कैपेसिटी को भी बढ़ाया गया है. दिल्ली में रोजाना 3 लाख टेस्टिंग की क्षमता है, अभी 60-70 हजार टेस्ट हो कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने बताया की हम होम आइसोलेशन मॉडल को मजबूत कर रहे हैं. जैसे ही कोई व्यक्ति पॉजिटिव आता है, उन्हें सरकार की ओर से एक फोन जाएगा. उन्हें बताया जाएगा कि अधिकारी अब आपके साथ लगातार संपर्क में रहेंगे और आपको आवश्यक सभी सहायता दी जाएगी. फिर, दिल्ली सरकार की एक टीम उनके घर जाएगी और उन्हें एक ऑक्सीमीटर सहित सभी आवश्यक वस्तुओं के साथ एक COVID-किट देगी. तब से जब तक वे ठीक नहीं हो जाते, तब तक डॉक्टर उन्हें रोज सलाह देंगे. इस पूरी व्यवस्था के लिए जिन एजेंसियों को ऑनबोर्ड करने की जरूरत होगी, उन्हें एक दो दिनों के भीतर नियोजित कर लिया जाएगा. अब तक घर जाने की क्षमता एक दिन में लगभग 1,000 मामलों की थी. अब इसे एक दिन में एक लाख मामलों तक बढ़ा रहे हैं.

जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ डॉक्टर भी कोविड मरीजों का इलाज कर सकेंगे. दिल्ली सरकार कोविड प्रबंधन के लिए मैनपावर बढ़ाने पर ध्यान दे रही है, ताकि अगर संक्रमण की दर में तेजी आए तो डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी न हो. इसके लिए दिल्ली सरकार ने स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के साथ-साथ मेडिकल छात्रों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड मैनेजमेंट का विशेष प्रशिक्षण दिया है. उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड मैनेजमेंट, पीडियाट्रिक वार्ड कोविड मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया गया है.

वहीं मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों को आवश्यकतानुसार डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल की स्वीकृत संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया है. अस्पताल अपने स्वीकृत स्टाफ स्तरों में 25% अधिक डॉक्टर और 40% अधिक नर्स और पैरामेडिक्ल जोड़ सकते हैं. फिलहाल इन अतिरिक्त डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्ल को 31 मार्च 2022 तक काम पर रखा जाएगा. कोविड और गैर-कोविड दोनों अस्पतालों में अतिरिक्त स्टाफ सदस्यों की नियुक्तियों को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

केजरीवाल सरकार के मुताबिक दिल्ली की ऑक्सीजन क्षमता में काफी इजाफा किया गया है. फिलहाल दिल्ली सरकार के पास एमएलओ स्टोरेज, एमएलओ बफर, पीएसए प्लांट समेत 1363.73 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता है. चिकित्सा संस्थानों के पास ही ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता 217 मीट्रिक टन तक की गई है. इसके अलावा, आपातकालीन उपयोग के लिए 6,000 डी प्रकार के सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं. पहले, दिल्ली की ऑक्सीजन रिफिलिंग क्षमता एक दिन में 1,500 सिलेंडर तक सीमित थी, अब 12.5 मीट्रिक टन की स्थापित क्षमता वाले 2 क्रायोजेनिक संयंत्र हर दिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडरों को फिर से भरने में सक्षम होंगे.पिछली बार आक्सीजन के परिवहन में बाधा आई थी, इस बार इसे दूर करने के लिए 15 टैंकर लाए जा रहे हैं जिन्हें अगले तीन सप्ताह में वितरित किया जाएगा.

दिल्ली में 18 साल से ज्यादा उम्र के लगभग 1.80 करोड़ लोग टीकाकरण के योग्य हैं. दिल्ली सरकार के मुताबिक अब तक शहर में वैक्सीन की 2.51 करोड़ डोज दे चुकी है. अब तक दिल्ली के 99 फीसदी लोगों को वैक्सीन की डोज मिल चुकी है. दिल्ली के करीब 70 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी हैं.

 

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