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Election Commission Press Conference: चुनाव आयोग ने लखनऊ में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें चुनाव आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दल समय पर चुनाव चाहते हैं. कुछ राजनीतिक दल ज्यादा रैलियों के खिलाफ हैं. इसका मतलब है कि ओमिक्रोन और कोरोना के खतरे के बीच चुनाव ना टाला जाए. चुनाव आयोग ने इस दौरान राजनीतिक पार्टियों से भी मुलाकात की और उनसे सुझाव भी मांगे. पार्टियों से जो सुझाव चुनाव आयोग को मिले हैं, उनमें
- कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करते हुए समय पर चुनाव हो, सभी दलों ने की मांग
- रैलियों की संख्या सीमित हो.
- 80 साल से ज्यादा के बुजुर्ग मतदाताओं को घर से ही मतदान करने की सुविधा दी जाए.
आयोग ने कहा कि पार्टियां घनी आबादी वाले इलाकों में बूथ बनाने के खिलाफ हैं. रैलियों में कोविड के नियमों को लेकर हम भी चिंतित हैं. राजनीतिक पार्टियों से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी बात हुई है. चुनाव आयोग ने कहा कि यूपी में इस बार 52 फीसदी नए वोटर हैं. फाइनल लिस्ट 5 जनवरी को आएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी वोटिंग बूथ पर VVPAT मशीनें लगाई जाएंगी. चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए करीब 1 लाख वोटिंग बूथ पर लाइव वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी.
चुनाव आयोग ने कहा, राज्य में अब तक मतदाताओं की कुल संख्या 15 करोड़ से अधिक है. अंतिम प्रकाशन के बाद मतदाता के वास्तविक आंकड़े आएंगे. अंतिम प्रकाशन के बाद भी अगर किसी का नाम ना आए तो वो क्लेम कर सकते हैं. SSR 2022 के अनुसार अबतक 52.8 लाख नए मतदाताओं को शामिल किया गया है. इसमें 23.92 लाख पुरुष और 28.86 लाख महिला मतदाता हैं. 18-19 आयु वर्ग के 19.89 लाख मतदाता हैं.
सुशील चंद्रा ने आगे कहा, साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में 61 फीसदी मतदान हुआ था. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 59 प्रतिशत वोट पड़े थे. यह चिंता की बात है कि ऐसे राज्य जहां राजनीतिक जागरूकता इतनी ज्यादा है, वहां कम वोटिंग क्यों हो रही है.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने यह भी कहा कि रैलियों में नफरती भाषण व रैलियों में हो रही भीड़ पर भी कुछ दलों ने चिंता जताई है. पोलिंग बूथ पर पर्याप्त संख्या में महिला बूथकर्मी की भी मांग की गई है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 80 साल से अधिक मतदाताओं को, दिव्यांगजनों को और कोविड पेशेंट का वोट चुनाव आयोग की टीम घर जाकर कास्ट कराएगी. पहली बार ये सुविधा दी जा रही है. 1500 लोगों पर एक बूथ होता था लेकिन इस बार 1250 मतदाता एक बूथ पर जाएंगे. इस तरह 11000 मतदान केंद्र बढ़ गए हैं. अब 1,74,351 मतदान स्थल हैं.
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