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कोरोना पर बिल्कुल भी ढिलाई नहीं, भारत मजबूती से लड़ रहा लड़ाई – मन की बात में पीएम मोदी की अपील

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नईदिल्ली, कोरोना के साथ जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। कोरोना काल के दौरान यह तीसरा मौका था जब पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के जरिए देश के लोगों को संबोधित किया। बता दें कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन 4.0 का आज आखिरी दिन है।
हर महीने के अंतिम रविवार को आने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कोरोना वायरस, कोरोना योद्धाओं, बंगाल में सुपर साइक्लोन अम्फान, खेतों में टिड्डियों के हमले समेत तमाम मुद्दों पर देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना को लेकर हमारे देश के लैब में हो रहे वैक्सीन पर काम को लेकर पूरी दुनिया की नजर है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना पर बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। इसके खिलाफ भारत मजबूती से लड़ाई लड़ रहा है।
उन्होंने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि पिछली बार जब मैंने पिछली बार आपसे मन की बात की थी, तब यात्री ट्रेनें बंद थीं, बसें बंद थीं, हवाई सेवा बंद थी। इस बार, बहुत कुछ खुल चुका है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल रही हैं, अन्य स्पेशल ट्रेनें भी शुरू हो गई हैं। तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उडऩे लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है। ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, प्रवासी मजदूरों को देखते हुए नए कदम उठाना जरूरी हो गया है। हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कहीं माइग्रेशन कमिशन बनाने की बात हो रही है। केंद्र सरकार के फैसलों से रोजगार मिलने वाले हैं। ये फैसले आत्मनिर्भर भारत के लिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांवों में हमारी बेटियां हजारों की संख्या में मास्क बना रही हैं। कितने ही उदाहरण रोजाना दिखाई और सुनाई देते हैं। लोग अपने प्रयासों के बारे में मुझे नमो ऐप के जरिए बता रहे हैं। कई बार मैं समय की कमी के चलते नाम नहीं ले पाता हूं। ऐसे सभी लोगों की मैं प्रशंसा करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा, इस दौरान पढ़ाई के क्षेत्र में भी कई अलग-अलग इनोवेशन शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर किए हैं। ऑनलाइन क्लासों को शुरू किया गया है। कोरोना की दवा पर हमारी लैब में जो काम हो रहा है, उसपर पूरी दुनिया की नजर है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के इस समय में योग आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि वायरस हमारे रेस्पिरेट्री सिस्टम को सबसे अधिक प्रभावित करता है। योग में तो इसको मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का रास्ता काफी लंबा है। इस दौरान हम सभी नई-नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है। मन की बात में भी मैंने उसका जिक्र किया है। सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है।
उन्होंने कहा कि दूसरों की सेवा में लगे व्यक्ति के जीवन में कोई अवसाद या तनाव कभी नहीं दिखता। उसके जीवन में भरपूर आत्मविश्वास, सकारात्मकता और जीवंतता प्रतिपल नजर आती है। देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है- देशवासियों की सेवाशक्ति। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। वर्तमान समय में लॉकडाउन का चौथा चरण लागू है, जोकि 31 मई तक जारी रहेगा।
पिछले मन की बात के जरिए पीएम मोदी ने कोरोना को लेकर अति-आत्मविश्वास से बचने को कहा था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई देश की जनता लड़ रही है। भले ही कारोबार हो, कार्यालय की संस्कृति हो, शिक्षा हो या चिकित्सा क्षेत्र हो, हर कोई कोरोना वायरस महामारी के बाद की दुनिया में बदलावों के अनुरूप ढल रहा है। उन्होंने कहा था कि पूरी दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ सीखा रहा है, इसलिए हमें अति-आत्मविश्वास नहीं पालना चाहिए, क्योंकि कोरोना से सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी।
मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई का रास्ता लंबा है। अभी कोई इलाज नहीं, इसका कोई अनुभव नहीं। नई चुनौतियां, परेशानियां अनुभव कर रहे। भारत भी इससे अछूता नहीं।
बता दें कि कोरोना वायरस लॉकडाउन में पीएम मोदी की यह तीसरी मन की बात है। मोदी अपनी सरकार बनने के बाद अबतक 64 बार मन की बात कार्यक्रम कर चुके हैं।

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